नवादा सदर अस्पताल में बंदी को पीटने वाले कौन थे? काराधीक्षक का दावा-जेल के सुरक्षाकर्मी नहीं थे
नवादा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बंदी की पिटाई का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस वाले एक बंदी की पिटाई करते दिख रहे हैं। हालांकि मंडल काराधीक्षक ने दावा किया है कि जेल के सुरक्षाकर्मी इसमें शामिल नहीं थे।
नवादा, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल (Sadar Hospital Nawada) के बेड पर मंडल कारा के एक बंदी की पिटाई मामले में जेल पुलिस की संलिप्तता को काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने खारिज कर दिया है। पिटाई का वीडियो वायरल होने और समाचार पत्रों में खबर प्रकाशन के बाद काराधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच की गई है। मारपीट करने वाले जेल के पुलिस नहीं है। हालांकि, पिटाई करते वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी कौन थे इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह साफ होना बाकी है। अबतक इतना ही साफ हुआ है कि कोई जेल का सिपाही इस घटना में शामिल नहीं है। काराधीक्षक के इस बयान के बाद यह मामला पेचीदा हो गया है।
जेल पुलिस नहीं तो क्या जिला बल के थे जवान
पीटने वाले अगर जेल के पुलिसकर्मी नहीं थे तो कौन लोग थे। आम तौर पर दो स्तर पर बंदियों को इलाज आदि के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। या तो जेल के पुलिसकर्मी होते अथवा जिला बल के जवान होते हैं। जिला बल के जवान की ड्यूटी पुलिस लाइन से लगती है। तो क्या पीटने वाले जवान जिला बल के थे। वैसे फिलहाल तो काराधीक्षक के बयान के बाद उंगली जिला पुलिस के जवानों की ओर ही उठती दिख रही है। बहरहाल, स्थिति पूरी जांच के बाद ही साफ हो सकेगी। बता दें कि बंदी की पिटाई का एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में तीन पुलिसकर्मी सदर अस्पताल में बंदी काे पीटते दिख रहे है। वीडियो सोमवार रात की बताई गई है। वीडियो में पिट रहा बंदी इसी जिले के अकरी गांव निवासी सियालाल यादव बताया गया। सोमवार की सुबह ही उसे जेल से सदर अस्पताल लाया गया था। इसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड में भर्ती था। सोमवार को ही बंदी गुड्डू सिंह की मौत हुई थी। इसके बाद दो-तीन बंदियों को सदर अस्पताल लाया गया था।