यहां जो भी काम हुए वे किसी काम के नहीं, लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी स्थिति जस की तस
रोहतास के बिक्रमगंज नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर कई सारे कार्य किए गए। उनपर लाखों खर्च हुए। लेकिन जो भी काम हुए वे किसी काम के नहीं रहे। शहर में फुटपाथ भी कहीं नहीं दिखता।
संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज (रोहतास)। बिक्रमगंज नगर परिषद क्षेत्र में विकास के नाम पर खर्च तो लाखों हुए पर लोगों को लाभ नहीं के बराबर मिला। शहर में करीब 12 -13 वर्ष पूर्व विधायक ऐच्छिक कोष से लाखों रुपये की लागत से फुटपाथ का निर्माण हुआ, लेकिन वह फुटपाथ अब कहीं नहीं दिखता। उसके अवशेष कहीं कहीं दिख जरूर दिख जाते हैं। इस फुटपाथ से किसी यात्री को चलने में सुविधा तो हुई नहीं हां, निर्माण के नाम पर लाखों के वारे-न्यारे जरूर हो गए। इधर नाला निर्माण चल रहा है लेकिन उसकी ऊंचाई इतनी अधिक है कि उसमें घर का पानी बहेगा ही नहीं।
न हाईमास्ट लाइट ठीक और न बैरिकेडिंग
शहर में विधान पार्षद कोष से करीब डेढ़ दशक पूर्व लाखों रुपये की लागत से दो हाईमास्ट लाइट लगाए गए। वे कुछ दिन रोशनी बिखेरने के बाद शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। अब वहां केवल पोल नजर आता है। करीब पांच वर्ष पूर्व शहर में जब अतिक्रमण हटाया गया तो तेंदुनी चौक के आसपास चारों मुख्य पथ के किनारे बैरिकेडिंग कराई गई। वह भी अवशेष के रूप में दिखते हैं। हद तो यह कि करीब तीन वर्ष पूर्व सांसद मद से शहर में कई जगह सोलर लाइट लगे, लेकिन अब कहीं दिखते भी नहीं। शहर में कई चापाकल भी लगे, लेकिन अधिकांश खराब हैं या किसी तरह चल रहे हैं। इसी तरह शहर में बार बार स्ट्रीट लाइट लगा, नए तरह का लगा तो पुराना हटाया गया। शहर में पूर्व में प्लास्टिक के डस्टबिन भी रखे गए जो बहुत कम ही जगह दिखते हैं। इसके अलावा यूरिनल नहीं के बराबर हैं। जो है उनकी स्थिति ऐसी है कि लोग उसका उपयोग नहीं करते। जबकि सरकारी आंकड़ों में सफाई के नाम पर लाखों रुपये प्रतिमाह खर्च होते हैं।
ऐसे नाले का क्या उपयोग
अभी शहर में कई जगह नाले बनाए जा रहे हैं। लेकिन नाले घर और सड़क का पानी निकासी के लिए बने हैं या घर में सड़क का पानी, यह लोगों की समझ से बाहर है। नटवार रोड में नाली की ऊंचाई सड़क से और घर से ढाई से तीन फीट अधिक है। ऐसे में घर का पानी हो या सड़क पर होने वाली बारिश का पानी वह इस नाली में कैसे बहेगा। इस सवाल के जबाब में कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम कहती हैं कि यह टेक्निकल मामला है। विभाग के टेक्निकल पदाधिकारी की देख रेख में नाली का निर्माण हुआ है तो घर और सड़क का पानी जरूर निकलेगा।