Weather Forecast: गया में हल्‍की और औरंगाबाद में आज भारी बारिश के आसार, कृषि केंद्रों ने यह सावधानी बरतने की दी सलाह

औरंगाबाद जिला में आज 19 जून को भी भारी बारिश और वज्रपात की संभावना है। गया में आज भी बादलों के बीच रुक-रुक कर हल्की बारिश होगी। अच्‍छी बारिश से खुश किसान धान के बिचड़े गिरान में जुट गए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र ने उन्‍हें यह सलाह दी ह।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:11 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:11 AM (IST)
Weather Forecast: गया में हल्‍की और औरंगाबाद में आज भारी बारिश के आसार, कृषि केंद्रों ने यह सावधानी बरतने की दी सलाह
अच्‍छी बारिश के बाद खेती-किसानी में जुटे किसान, सांकेतिक तस्‍वीर ।

गया/ औरंगाबाद, जागरण टीम। पूरे बिहार में मानसून सक्रिय है। गया में आसमान में पूरी तरह से बादल छाए हुए हैं। रुक-रुक कर बूंदाबांदी भी हो रही है। आज भी यहां अच्‍छी बारिश होने के आसार दिख रहे हैं। वहीं औरंगाबाद में आज शनिवार को भारी वर्षा और वज्रपात की संभावना जताई गई है। गया में आज अधिकतम तापमान 30.2 और न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम विज्ञानी डॉक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार अगले 72 घंटे मौसम में हल्के से घने बादल छाए रहने के पूरे आसार हैं। हालांकि बारिश बहुत अधिक नहीं बताई जा रही है। फिर भी बूंदाबांदी हो सकती है।

खेत में जल निकासी का करें प्रबंध

मानसून की यह बारिश खेती बारी के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद है। जिले भर में किसान अभी धान का बिचड़ा गिराने में जुटे हुए हैं। करीब 20 फीसद बिचड़ा गिरा भी है। जुलाई के प्रथम सप्ताह तक जिले में धान की रोपनी शुरू हो सकती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन खेतो में किसान भाई धान का बिचड़ा डाले है, अगर उस खेत में अधिक जलजमाव होने की स्थिति में खेत से जल निकासी का प्रबंधन आवश्य करें l

औरंगाबाद में भारी बारिश

औरंगाबाद में बारिश के दौरान वज्रपात, मेघ गर्जन और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं 20 और 21 जून को कुछ स्थानों पर वज्रपात, तेज हवा और हल्के से मध्यम बारिश होने की संभावना है l

औरंगाबाद जिले में दिनांक 21 जून तक अधिकतम तापमान 27 से 31 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है l उक्त बात की जानकारी सिरिस कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक

 डा. नित्यानंद एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. अनूप कुमार चौबे ने दी। उन्होंने कहा कि सभी खुले मैदान, नदियां, जलभराव वाले क्षेत्र, आम और लीची के बागान आदि, इत्यादि बिजली गिरने के लिए संभावित क्षेत्र है l बिजली के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के प्रभाव ऐसे परिस्थितियों में घातक साबित हो सकते है l आम नागरिकों और किसान बंधुओं को सलाह दी जाती है कि इस अवधि के दौरान पूर्ण सावधानी बरतें l

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