जल को बचाने के लिए जलस्रोत का कराया जा रहा जीर्णोद्धार
जल को बचा कर ही आज के लोग आने वाली पीढ़ी को सुखमय जीवन जीने का तोहफा दे सकते हैं।
गया। जल को बचा कर ही आज के लोग आने वाली पीढ़ी को सुखमय जीवन जीने का तोहफा दे सकते हैं। यह सभी को समझना होगा। तभी इस उम्मीद को पूरा किया जा सकता है। इसमें सरकार, प्रशासन के साथ आमलोगों को भी बढ़ चढ़ कर सहयोग करना होगा। बहरहाल लोगों को जागरूक करने के साथ जलस्रोतों को अतिक्रमणमुक्त व उसका जीर्णोद्धार करा कर जल संरक्षण का कार्य प्रशासन के स्तर से किया जा रहा है। इसी क्रम में लघु सिचाई प्रमंडल मोहनियां के द्वारा जिले के 43 जलस्रोतों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है। इनके जीर्णोद्धार का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। इन जलस्रोतों के जीर्णोद्धार से न सिर्फ इस क्षेत्र में पानी की समस्या कुछ कम हुई है बल्कि किसानों के लिए खेतों की सिचाई व पशुपालकों के लिए मवेशियों को पानी पीलाने सहित अन्य तरह की समस्या कम हुई है।
इन जलस्रोतों का कराया गया है जीर्णोद्धार -
मोहनियां में मुजान, अर्रा, हरनाथपुर, डंडवास, परशुरामपुर में पोखरा का व अकोढ़ी में आहर का जीर्णोद्धार कराया गया है। दुर्गावती प्रखंड में कविलासपुर, गोरार, ईंटही, में पोखरा का, डिडिखली में पइन का जीर्णोद्धार कराया गया है। कुदरा प्रखंड में देवसडीहरा, बभनगांवा, मोहनपुर, सलथुआं, ससना, पट्टी पोखरा का, नुआंव प्रखंड में चंडेश में पोखरा का और दुमदुमा में आहर का जीर्णोद्धार कराया गया है। भभुआ में बड़काकीर, कठौरा,सोनडीहरा, बहोहनपुर में आहर का, मनिहारी में पोखरा का जीर्णोद्धार कराया गया है।
भगवानपुर प्रखंड में मसही, कटकरा में पइन का, रमावतपुर, कोसडीहरा, सरैयां में आहर का जीर्णोद्धार कराया गया है। रामपुर प्रखंड में खजुरा में आहर, बेलांव में पोखरा का जीर्णोद्धार कराया गया है। अधौरा प्रखंड में बिदुरी व डुमरकोन में चेकडैम का जीर्णोद्धार कराया गया है। चैनपुर में महुला, मदुरना, दुलहरा व प्रहलादपुर में पोखरा का तथा सरपनी, खरिगांवा में आहर का जीर्णोद्धार कराया गया है। चांद प्रखंड में पतेसर, लोहदन, सिरहिरा में आहर का तथा शिवरामपुर में पोखरा का जीर्णोद्धार कराया गया है।