थोड़ी बारिश में रोहतास सदर अस्पताल में जलजमाव, मरीजों को हो रही परेशानी; अब तक नहीं निकला पानी

थोड़ी सी बारिश से सदर अस्पताल परिसर में पानी जमा हो गया। इस समस्या को लेकर कई बार अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन से लेकर राज्य मुख्यालय तक गुहार लगाई लेकिन आज तक समस्या का स्थाई निदान नहीं सका है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:32 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:32 AM (IST)
थोड़ी बारिश में रोहतास सदर अस्पताल में जलजमाव, मरीजों को हो रही परेशानी; अब तक नहीं निकला पानी
रोहतास सदर अस्‍पताल में जलजमाव से परेशानी। जागरण।

जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास सदर अस्पताल में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण हल्की बारिश में भी पानी भर जाता है। बुधवार की रात हुई बारिश से सदर अस्पताल परिसर में पानी जमा हो गया। इस समस्या को लेकर कई बार अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन से लेकर राज्य मुख्यालय तक गुहार लगाई, लेकिन आज तक समस्या का स्थाई निदान नहीं सका है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से लेकर अस्पताल के प्रवेश द्वार तक पानी लगने से वहां आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

24 घंटे कोरोना टीकाकरण की है व्यवस्था

सदर अस्पताल परिसर में 24 घंटे कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। जहां पर जिले के अलावा दूसरे जिलों से भी काफी संख्या में  लोग कोरोना टीका दिलवाने आते हैं। लेकिन अस्पताल के रास्ते में पानी जमा होने से उन्हें चप्पल- जूते उतारकर ही टीकाकरण स्थल तक जाना पड़ता है। अस्पताल के मेल वार्ड, ब्लड बैंक, ओपीडी, एक्सरे कक्ष, सिविल सर्जन का कार्यालय समेत कई अन्य चिकित्सा अधिकारियों का दफ्तर कार्यरत है।

सड़क पर जमा रहता है बरसात का गंदा पानी

शहर वासियों के लिए जल जमाव और गंदगी के बीच दिन गुजारना नीयति बन गई है। रौजा रोड सदर अस्पताल में पहुंचने का एकमात्र मार्ग है। साथ ही पर्यटक और अन्य लोग इस सड़क से शेरशाह मकबरा घूमने के लिए जाते हैं। लेकिन सड़क पर पानी जमा रहने से लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार रहता है।

कहते हैं चिकित्सा अधिकारी

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक श्रीभगवान सिंह ने कहा कि परिसर में जल जमाव की समस्या कोई नई नहीं है। सभी वरीय अधिकारियों को हर बार इस समस्या से अवगत कराया जाता है, लेकिन आज तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो पाया। मजबूरी में पंप लगाकर पानी की निकासी करनी पड़ती है। जिसमे काफी समय लगता है और मरीजों के साथ-साथ डाक्टरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

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