जंगल से आए पानी ने नवादा में मचाई तबाही, कई घरों में नहीं जले चूल्‍हे, दुकानदारों को आर्थिक नुकसान

छोटे-छोटे बच्चों वाले घर के लोगों को काफी परेशानियां हुई। दोपहर 1230 बजे तक बाढ़ का पानी का जलस्तर कम होने के बाद राहत मिलने के आसार दिखे। ग्रामीणों का आरोप है कि कुम्हरुआ गांव के किनारे पर जो डैम बना है उस में बाढ़ का पानी भर गया था।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 02:50 PM (IST)
जंगल से आए पानी ने नवादा में मचाई तबाही, कई घरों में नहीं जले चूल्‍हे, दुकानदारों को आर्थिक नुकसान
गांव में पानी घुसने से लोगों की बढ़ी परेशानी। जागरण।

संवाद सहयोगी, रजौली (नवादा)। जंगली क्षेत्र में हुई बारिश से खुरी नदी में आई बाढ़ का पानी बुधवार को धमनी पंचायत के कुम्हरुआ गांव के घरों व दुकानों में घुस गया। जिससे गांव के लोग मुश्किलों से घिर गए। दोपहर 12 बजे तक लोगों के घरों में चूल्हे भी नहीं जले थे और लोग भूख से बिलबिलाते रहे।

छोटे-छोटे बच्चों वाले घर के लोगों को काफी परेशानियां हुई। दोपहर 12:30 बजे तक बाढ़ का पानी का जलस्तर कम होने के बाद राहत मिलने के आसार दिखे। गांव के ग्रामीणों दर्जनों महिला-पुरुषों का आरोप है कि कुम्हरुआ गांव के किनारे पर जो डैम बना है, उस में बाढ़ का पानी भर गया था।

डैम का वह पानी कुम्हरुआ व गिरगी, डुमरकोल गांव जाने वाले रास्ते में खुरी नदी पर बनी पुलिया के दोनों किनारों से होकर कुम्हरुआ गांव के घरों व दुकानों में घुस गई। ग्रामीणों का कहना था कि पंचायत के मुखिया द्वारा मनरेगा योजना से खुरी नदी पर 3.70 लाख रुपये की लागत से छोटी पुलिया का निर्माण कराया गया था। जिसके कारण बाढ़ का पानी पुलिया के दोनों छोर से होकर गांव में घुस गया।

अगर यह पुलिया 5-7 फीट और लंबी होती तो लोगों के घरों में बाढ़ का पानी नहीं जाता और पुलिया के रास्ते होकर वह नदी में चला जाता। लेकिन धमनी मुखिया धीरज कुमार की लापरवाही से गांव के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और लोगों के घरों में पानी घुस गए हैं। जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

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