15 माह से चकबंदी का खाता खोलने काे लगा रहा था चक्कर, थक हार कर CM नीतीश कुमार से की शिकायत
जैतपुर गांव के करीमन कुर्मी के पुत्र मुनेश्वर कुमार ने बताया कि उन्होंने सीएम के समक्ष अपने मामला को रखा है। मामले के बारे में जानकारी देते हुए मुनेश्वर ने बताया कि भगवानपुर-रामपुर में चकबंदी का खाता खोलने के लिए करीब 15 माह से चक्कर लगा रहा है।
संवाद सहयोगी, भभुआ। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सोमवार को सीएम नीतीश कुमार के समक्ष कैमूर जिले के दो फरियादियों ने अपनी समस्या सुनाई। समस्याओं से सीएम को अवगत कराया। उसके बाद सीएम ने संबंधित विभाग को बात की गंभीरता लेते हुए आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री के जनता दरबार के लिए तीन लोगों ने आवेदन किया था। जिला के एनआइसी (NIC) से शुक्रवार को तीनों की जानकारी निकाली गई। तीनों की कोविड जांच कराई गई। जांच में तीनों निगेटिव पाए गए। एक युवक भभुआ वार्ड दो काशी नाथ सिंह के पुत्र दीपक कुमार सिंह कोविड के वैक्सीन नहीं लेने के कारण जनता दरबार में नहीं जा सके।
पटना (Patna) गए दो लोगों में से दोनों भभुआ अनुमंडल के रहने वाले है। दोनों भगवानपुर गांव के जैतपुर गांव के रहने वाले है। जैतपुर गांव के करीमन कुर्मी के पुत्र मुनेश्वर कुमार ने बताया कि उन्होंने सीएम के समक्ष अपने मामला को रखा है। मामले के बारे में जानकारी देते हुए मुनेश्वर ने बताया कि भगवानपुर-रामपुर में चकबंदी का खाता खोलने के लिए करीब 15 माह से चक्कर लगा रहा है। लेकिन, अब तक खाता नहीं खुल सका।
इसके लिए ज्वाइंट डायरेक्टर ने भी खाता खोलने का निर्देश दिया था। लेकिन, अमीन राम बाबू के कारण खाता नहीं खुल पा रहा। अन्य कर्मियों का भी कहना है कि राम बाबू कहेंगे तो ही खाता खुलेगा। उन्होंने बताया कि रामपुर-भगवानपुर के चकबंदी के अमीन रामबाबू है। जिनका फिलहाल प्रतिनियुक्ति निदेशालय पटना में हो गया है। इस कारण उनका चकंबदी का खाता नहीं खुल पा रहा।
मामले में सीएम नीतीश कुमार से जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराई है। सीएम ने भूमि एवं राजस्व विभाग में भेजकर मामले को गंभीरता से दिखवाने के लिए कहा है। वहीं दूसरे फरियादी के तौर पर जैतपुर कला गांव के अभय प्रताप सिंह के पुत्र शेखर प्रताप सिंह ने भी सीएम के समक्ष पहुंच कर एक वेबसाइट के जरिए रिश्वत के मामले में ध्यान रखने के लिए सुझाव दिया।
सीएम ने अपर मुख्य सचिव अमीर सुबहानी के पास भेजा और मामले को समझाने के लिए कहा। अमीर सुबहानी ने भी मामले को सुना और भविष्य में इस बार बात करने की बात बताई। उसके बाद वे लौट गए।