दूसरे राज्यों में जाती नौरंगा मंडी की सब्जी, तीन दशक से यहां लग रहा बाजार, छोटे किसान होते लाभांवित

गया शहर से लेकर मानपुर में कई सब्जी मंडी हैं। नौरंगा सब्जी मंडी की एक अलग ही पहचान है। यहां की सब्जी आसपास के बाजारों के अलावा अन्य राज्यों में भी जाती है। सूर्योदय होते ही नौरंगा में सब्जी मंडी लग जाती है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:55 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:55 AM (IST)
दूसरे राज्यों में जाती नौरंगा मंडी की सब्जी, तीन दशक से यहां लग रहा बाजार, छोटे किसान होते लाभांवित
गया के मानपुर स्थित नौरंगा सब्‍जी मंडी का दृश्‍य। जागरण।

जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। गया शहर से लेकर मानपुर में कई सब्जी मंडी हैं। नौरंगा सब्जी मंडी की एक अलग ही पहचान है। यहां की सब्जी आसपास के बाजारों के अलावा अन्य राज्यों में भी जाती है। सूर्योदय होते ही नौरंगा में सब्जी मंडी लग जाती है। यहां टोकरी में सब्जी लेकर कई गांव के किसान पहुंच जाते हैं। नौरंगा सब्जी मंडी तीन दशक पूर्व से लग रही है। यहां भुसूंडा, नौरंगा, वारागंधार, मस्तलीपुर, रसलपुर, बसौना, सुहैयपुर आदि गांव के किसान सब्जी लेकर प्रतिदिन पहुंचते है। मात्र दो घंटे की लगने वाली मंडी में किसानों द्वारा लाई गई सारी सब्जी बिक जाती है। यहां से सब्जी की खरीदारी कर व्यापारी गया शहर के अलावा जहानाबाद, पटना एवं झारखंड के कई शहरों में ले जाते हैं।

मंडी से किसान हो रहे लाभान्वित

किसान जो भी सब्जी लेकर आते वो मंडी काफी आसानी से बिक जाती है। जिसके कारण किसान सब्जी के उत्पाद करने में जी जान से जुटे हैं। मानपुर के एक दर्जन से अधिक गांव में सब्जी का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है। यही कारण है कि मंडी में हर रोज उत्‍पाद पहुंच रहा है। साथ ही किसानों को इसकी अच्‍छी कीमत मिल जाती है। उन्‍हें व्‍यापार करने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ता।

मंडी की आमदनी से होते सार्वजनिक कार्य

नौरंगा सब्जी मंडी काफी बेहतर तरीके से चलता रहे। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। उसके अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से स्थानीय बैंक में खाता खोला गया। इसमें मंडी की आमदनी की राशि जमा होती है। कोषाध्यक्ष रामलगन प्रसाद ने बताया कि मंडी की आमदनी से सार्वजनिक कार्य किए जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि मंडी के कार्यों का प्रचार विज्ञापन से नहीं किया गया। जाे लोग जानते हैं, वे स्‍वयं सहायता के लिए पहुंच जाते हैं। मंडी के द्वारा कई आयोजन भी कराए गए, जिससे लोगों को काफी लाभ मिला।

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