गया में बाईपास रोड के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला फंसा, प्रशासन को ग्रामीणों ने वापस लौटाया
गया जिले में बाईपास सड़क के लिए सुरहरी मोड़ से बारागंधार होते हुए शिखहर मोड़ तक बन रहे बाइपास रोड के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का मामला फंस गया है। इस रास्ते में पड़ रहे कुछ मकानों के लिए तोड़ने के लिए पहुंची टीम को विरोध के बाद लौटना पड़ा।
गया, जागरण संवाददाता। गया में बाईपास रोड के निर्माण में जमीन का मामला फंस रहा है। योजना के लिए अधिग्रहित जमीन खाली करने के लिए लोग आसानी से तैयार हो रहे हैं। सलेमपुर के सुरहरी मोड़ से बारागंधार होते हुए शिखहर मोड़ तक बन रहे बाइपास रोड में पहले से बने मकान व चहारदीवारी तोड़ने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम को शनिवार को काफी विरोध झेलना पड़ा। लोगों के गुस्से को देखते हुए प्रशासनिक टीम को बगैर कार्रवाई किए वापस लौटना पड़ा।
जेसीबी लगाकर तोड़ी गई चारदीवारी
शनिवार को पहुंची प्रशासनिक टीम ने जेसीबी लगाकर मकान एवं चारदीवारी तोड़ने का कार्य बलपूर्वक शुरू किया गया, लेकिन मोहल्लेवासियों के विरोध के कारण एक भी मकान नहीं तोड़ा गया। केवल कई जगहों पर चारदीवारी ही तोड़ी गई। मोहल्ले वासियों का कहना है कि बाइपास रोड बनने में हमलोगों को जमीन देने में कोई आपत्ति नहीं है। कई लोगों ने स्वेच्छापूर्वक अपनी निजी भूमि को दिया है। हालांकि करीब तीन दर्जन मकान निजी भूमि में बने हैं।
सरकारी रिकॉर्ड में गैरमजरुआ है यह जमीन
मोहल्ले वासियों का कहना है कि सुरहरी मोड़ के समीप की जमीन को अंचल कार्यालय मानपुर द्वारा वर्ष 2018 में निजी बताया गया। इस जमीन पर लोगों का मकान बना है। अब उक्त जमीन को मानपुर अंचल कार्यालय के द्वारा गैरमजरूआ कहा जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों ? इसकी उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए।
जमीन की नापी कराने के बाद तोड़ने की गुहार
मोहल्ले के कुछ लोगों का ये भी कहना है कि उनके मकान निजी भूमि में बने हैं या सरकारी भूमि में यह तो स्पष्ट नापी होने के बाद ही होगा। लेकिन यहां तो बगैर नापी कराए ही हमलोगों के निजी भूमि को सरकारी भूमि बताकर तोड़ा जा रहा है। मकान एवं चारदीवारी तोड़ने के पहले किसी को नोटिस नहीं दिया गया। बाईपास रोड में अतिक्रमण हटाने के दौरान मानपुर सीओ अनुज कुमार के साथ मुफस्सिल थाने की पुलिस एवं जिला प्रशासन के लोग मौजूद थे।