Uday Narayan Chaudhary ने पूछा- अमित शाह के रोड शो में कहां भाग गया था कोरोना, छात्रों को क्यों डरा रहे नीतीश कुमार?
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी मंगलवार को पूरे रौ में नजर आए। कोरोना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसे। केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
गया, जेएनएन। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी मंगलवार को पूरे रौ में नजर आए। कोरोना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर बरसे। केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
सुनिए गया के सर्किट हाउस में क्या कहा...
शहर के सर्किट हाउस में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा राज्य त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है। बिहार में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। दिनदहाड़े लूट, डकैती, अपहरण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और सरकार इस पर चुप्पी साधी हुई है। उन्होंने किसानों एवं मजदूरों के मुद्दे पर कहा कि सरकार ने अनाज के उत्पादन पर डेढ़ गुना कीमत देने का वादा किया था, लेकिन आज सरकार की नीतियों के कारण जब से कृषि बिल लागू कर किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बहुत सारे किसानों को पैक्स के द्वारा जो अनाज खरीदा गया था, उसका आज तक पैसा नहीं मिला है और जब किसान दिल्ली में आंदोलन करते हैं तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
छात्र-छात्राओं को कोरोना के नाम पर डरा रहे नीतीश कुमार
उदय नारायण चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के नाम पर छात्र-छात्राओं को डराने का काम किया जा रहा है। हैदराबाद के पंचायत चुनाव में प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री व गृह मंत्री वहां जाते हैं तो कोरोना नहीं फैलता है। लेकिन जब ये छात्र-छात्राओं पढ़ने के लिए कोचिंग जाते हैं तो कोरोना का हवाला देकर रोका जा रहा है। पूरे 1 साल कोरोना के नाम पर छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया गया है। एक तो विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षक नहीं है। बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार ढिंढोरा पीटते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया है। एक भी हाई स्कूल में उसके मानक के अनुसार सुविधा उपलब्ध नहीं है। अपने बच्चों को भविष्य के लिए गार्जियन भी मजबूर है, लेकिन सरकार कोविड-19 नाम पर छात्रों को पढ़ाना नहीं चाहती है। कोरोना के नाम पर जो भी कानून बनाई जा रही है वह जन विरोधी कानून है। जब छात्रों पढ़ेंगे ही नहीं तो आखिर परीक्षा में क्या लिखेंगे।