धोखाधड़ी कर नियोजन का लाभ लेने वाले रोहतास के दो शिक्षकों की हुई पहचान, दर्ज किया गया मुकदमा

प्रखंड शिक्षक प्रेमचंद प्रसाद गुप्ता मध्य विद्यालय बलिया व संतोष प्रसाद गुप्ता मध्य विद्यालय पूर्वी भेलारी पर आरोप है कि उन्होंने 2008 में नियोजन प्रक्रिया में धोखाधड़ी तथा गलत प्रमाण पत्र जमा कर नियोजन का लाभ लिया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 04:32 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 04:32 PM (IST)
धोखाधड़ी कर नियोजन का लाभ लेने वाले रोहतास के दो शिक्षकों की हुई पहचान, दर्ज किया गया मुकदमा
फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज। सांकेतिक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, नटवार (सासाराम)। फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक की नौकरी पाने वालों के खिलाफ निगरानी की टीम ने कार्रवाई तेज कर दी है। लगभग तमाम जिलों में धोखाधड़ी कर लोगों ने हाथोंहाथ नियोजन का लाभ उठाया था। रोहतास डीईओ संजीव कुमार के निर्देश पर बीईओ सलील कुमार ने सोमवार को धोखाधड़ी कर नियोजन का लाभ लेने वाले दो शिक्षकों पर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्रखंड शिक्षक प्रेमचंद प्रसाद गुप्ता मध्य विद्यालय बलिया व संतोष प्रसाद गुप्ता मध्य विद्यालय पूर्वी भेलारी पर आरोप है कि उन्होंने 2008 में नियोजन प्रक्रिया में धोखाधड़ी तथा गलत प्रमाण पत्र जमा कर नियोजन का लाभ लिया है। इस मामले में बीडीओ संजय कुमार दास द्वारा उक्त शिक्षकों से तीन-तीन बार प्रमाण पत्रों के बारे में स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, जो संतोजनक नहीं पाया गया है।

अधिकारियों के अनुसार नियोजन के समय दिए गए प्रमाण पत्रों से स्पष्ट होता है कि शिक्षकों के स्पष्टीकरण में दो तरह के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भिन्न-भिन्न तिथि, प्राप्तांक एवं संस्थान का अलग-अलग समय पर प्रस्तुत किया गया है। नियोजन के समय प्रस्तुत प्रमाण पत्र 2005-07 प्राचार्य टीचर ट्रेङ्क्षनग कालेज ऑफ इंडिया गया द्वारा संलग्न किया गया है। जबकि स्पष्टीकरण में 2010 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा निर्गत किया गया है। दोनों शिक्षकों की नियुक्ति मेधा सूची के अनुसार 2008 की है।

इससे स्पष्ट होता है कि शिक्षकों ने धोखाधड़ी से नियोजन का लाभ प्राप्त किया है। दोनों शिक्षकों द्वारा वेतन मद के रूप में ली गई सरकारी राशि 18 लाख 40 हजार 341 रुपये को सरकार के खाते में जमा कराते हुए नियुक्ति प्राधिकार इकाई द्वारा नियुक्ति रद करने का निर्णय लिया गया है। थानाध्यक्ष संतोष कुमार ङ्क्षसह के अनुसार बीईओ के बयान पर उक्त शिक्षकों के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी तथा वेतन मद में सरकारी राशि प्राप्त करने का आरोप के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई  की जा रही है।

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