ऐतिहासिक होगा दो दिवसीय विष्‍णुधाम महोत्‍सव, राज्‍यपाल के हाथों उद्घाटन कराने की चल रही तैयारी

औरंगाबाद के सदर प्रखंड स्थित जम्होर में 25 एवं 26 को विष्णु धाम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसे ऐतहासिक बनाने का निर्णय लिया गया है। महोत्‍सव का उद्घाटन राज्यपाल के हाथों कराए जाने का प्रयास है। इसके लिए उन्‍हें आमंत्रण पत्र दिया गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 02:24 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 02:24 PM (IST)
ऐतिहासिक होगा दो दिवसीय विष्‍णुधाम महोत्‍सव, राज्‍यपाल के हाथों उद्घाटन कराने की चल रही तैयारी
औरंगाबाद के जम्‍होर में होगा विष्‍णुधाम महोत्‍सव। प्रतीकात्‍मक फोटो

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सदर प्रखंड के जम्होर में 25 एवं 26 को आयोजित होने वाला विष्णु धाम महोत्सव ऐतहासिक होगा। महोत्‍सव को  लेकर हुई आयोजन समिति की बैठक में इसे भव्‍य और यादगार बनाने का निर्णय लिया गया। इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है। महोत्‍सव का उद्घाटन राज्यपाल के हाथों कराए जाने का प्रयास है। इसके लिए उन्‍हें आमंत्रण पत्र दिया गया है। पर्यटन एवं कला संस्कृति मंत्री को भी आमंत्रण पत्र भेजा गया है।

राज्‍यपाल समेत मंत्रियों को किया गया है आमंत्रित

आयोजन समिति के अध्यक्ष अजित सिंह ने बताया कि महोत्सव की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। जम्होर में यह महोत्सव पहली बार मनाया जा रहा है। इस कारण उल्‍लास का माहौल है। महोत्सव के के लिए राज्यपाल, पर्यटन मंत्री एवं कला संस्कृति मंत्री के अलावा सांसद एवं सभी विधायकों को आमंत्रण पत्र दिया गया है। महोत्सव में सभी राजनीतिक दल एवं जिले की सभी संस्थाओं से सहयोग लिया गया है। उन्‍होंने बताया कि शुक्रवार को सुबह आठ बजे से विष्णुधाम महोत्सव आयोजन समिति की ओर से श्रीहरि नारायण शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह अनुग्रह नारायण रोड, स्टेशन परिसर होते हु जम्होर दुर्गा मैदान जाएगी।

पुनपुन बटाने के संगम पर होगा दीप प्रज्‍वलन

अध्यक्ष ने बताया कि महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के अलावा बाहर के भी कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।  पुनपुन बटाने संगम पर दीप प्रज्वलन होगा। महोत्सव में पुनपुन घाट पर अवस्थित पितृपक्ष की प्रथम बेदी की ऐतिहासिक गरिमा, विष्णु धाम की महिमा पर विचारगोष्ठी भी होगी। अध्यक्ष ने बताया कि जम्होर के पुनपुन घाट पर हर वर्ष पूरे देश के अलावा विदेशों से पिंडदानी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं। यहां भगवान विष्णु का पौराणिक मंदिर है। लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण यह विकसित नहीं हो पाया है। इसके विकास के लिए यहां महोत्सव की शुरुआत की गई है।

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