कैमूर में बाढ़ से निपटने के लिए 21 प्राइवेट बोट का सहारा, आपदा विभाग ने नाविकों के साथ किया एकरारनामा

बरसात के महीने में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन निजी नाव के सहारे है। प्रशासन के पास अपनी कोई नाव नहीं है। नाव न होने के चलते विवश जिला प्रशासन का आपदा विभाग निजी नाव चालकों से हर साल एकरारनामा करता है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 02:58 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 02:58 PM (IST)
कैमूर में बाढ़ से निपटने के लिए 21 प्राइवेट बोट का सहारा, आपदा विभाग ने नाविकों के साथ किया एकरारनामा
बाढ़ की समस्‍या से निपटने के लिए आपदा विभाग कर रहा तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। बरसात के महीने में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन निजी नाव के सहारे है। प्रशासन के पास अपनी कोई नाव नहीं है। नाव न होने के चलते विवश जिला प्रशासन का आपदा विभाग निजी नाव चालकों से हर साल एकरारनामा करता है। इसके सहारे बाढ़ के संकट का सामना करता है। हालांकि, जिला में बाढ़ का आंशिक रूप ही दिखता है।

ज्यादातर रामगढ़, नुआंव, दुर्गावती क्षेत्र में बाढ़ की मार झेलनी होती है। जून महीना में लगातार 10 दिनों तक बारिश के बाद ही बाढ़ जैसे हालात कहीं जगहों पर दिखने लगे थे। इसको ध्यान में रखते हुए पहले ही जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित संभावित गांवों को चिह्नित कर लिया है। चिह्नित गांवों पर आपदा विभाग के साथ साथ सीओ को भी विशेष नजर रखने के लिए कहा गया है।

जिले में नहीं है एक भी सरकारी नाव

जिले में आपदा विभाग के पास बाढ़ से निपटने के लिए कोई भी सरकारी नाव नहीं है। जिले के 21 नाव चालकों से नियमानुकूल आपदा विभाग ने एकरारनामा कर लिया है। ताकि संभावित बाढ़ वाले क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य से समय रहते निपटा जा सके। जिले के रामगढ़, नुआंव, दुर्गावती क्षेत्र के 21 नाव चालकों से हर एक वर्ष पर एकरारनामा किया जाता है। इसके लिए हर दिन का किराया का दर भी आपदा विभाग ने तय कर दिया है। जिसमें बड़ा नाव, मझले नाव तथा छोटे नाव के लिए अलग अलग दर तय किए गए है।

नवीनीकरण के लिए परिवहन विभाग करता है जांच

नाव के नवीनीकरण बिहार बंगाल नौका अधिनियम 2011 के तहत लंबाई, चौड़ाई व बैठने की क्षमता का परिवहन विभाग के एमवीआई द्वारा निरीक्षण किया जाता है। कैमूर जिले में सभी नावों का निरीक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। निरीक्षण के बाद परिवहन विभाग ने सभी को निबंधन कराने की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है। एमवीआई दिव्यप्रकाश ने बताया कि आपदा विभाग के एकरारनामा वाले नाव का भी जांच पूर्ण हो चुकी है।

जिले में 24 घंटे चल रहा आपातकालीन केंद्र

आपदा से निपटने के लिए आपदा विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर जिला आपातकालीन केंद्र की स्थापना की गई है। जिसका संचालन 24 घंटा किया जा रहा है। केंद्र संचालन को लेकर तीन चरणों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। गुरूवार को केंद्र पर दीपक कुमार व माधुरी सक्सेना ड्यूटी पर तैनात थे। जो जिला में आपदा के हालात की जानकारी हर अंचल क्षेत्र से लेते है।

बड़े, छोटे नाव का अलग दर

जिले में 21 नाव जिनको प्रशासन ने एकरारनामा किया है उनका दैनिक दर भी तय कर दिया है। जिसमें बड़े नाव के लिए 460 रूपए प्रतिदिन, मझले नाव के लिए 420 रूपए प्रतिदिन तथा छोटे नाव के लिए 290 रूपए प्रतिदिन के लिए निर्धारित किया गया है। इसी दर के मुताबिक हर एकरारनामा को इस दर से मिलेगा। लेकिन जब प्रशासन अपने कार्यों के लिए लगाएगा तब ही यह राशि देय होगा।

सीओ की मांग के बाद कीट उपलब्ध कराएगा आपदा विभाग

जानकारी के मुताबिक जिले में जिन जगहों पर बाढ़ की स्थिति रहती है और अगर सीओ के द्वारा नाव की मांग की जाती है तो वहां पर आपदा विभाग नाव उपलब्ध कराएगा। ताकि बाढ़ जैसे हालातों से निपटा जा सके। अभी पटना के आपदा विभाग से दो दिन पूर्व ही 500 सीट तिरपाल भभुआ आपदा कार्यालय पहुंचा है। जिससे कि बाढ़ में ताबाह हुए लोगों को टेंट लगाकर सुरक्षित जगहों पर रखा जा सके। इसके लिए भी मांग सीओ करेंगे तो आपदा विभाग उपलब्ध कराएगा। आगामी बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों अनुमंडलों के लिए आठ गोताखोर को भी चिह्नित किया गया है। जरूरत पड़ने पर इनका सहयोग आपदा विभाग लेगा।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी प्रभात कुमार झा ने बताया कि कैमूर में बाढ़ से निपटने के लिए सारी तैयारी को पूर्ण कर ली गई है। आपदा विभाग एवं जिला पदाधिकारी के निर्देश पर लगभग सारी तैयारी को पूर्ण कर लिया गया है। जिसमें नाव, गोताखोर व तिरपाल का सीट तथा बाढ़ से सुरक्षित कीट को तैयार कर लिया गया है, और सुरक्षित स्थान को चिह्नित कर लिया गया है। 

आपदा विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित 11 गांव का नाम

प्रखंड - गांव का नाम रामगढ़ - बड़ौरा, नहरन-जमुरना, महुअर नुआंव - पंजराव, कारीराम, अखिनी दुर्गावती - चेहरियां, खामिदौरा, खजुरा, सांवठ, अवर्हिया

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