दो ज्वेलरी दुकानदारों को ठगने करने में महिला समेत तीन हिरासत में
औरंगाबाद। बुधवार को एक महिला समेत तीन के गिरोह ने शहर के दो ज्वेलरी दुकानों को करीब 50 हजार का चूना लगा दिया। विनोद प्रसाद और शेष नारायण प्रसाद की दुर्गा पथ स्थित जेवर दुकान ओर ये महिला अपने साथ दो नाबालिग लड़कियों को लेकर गई। कान की फैंसी बाली देखने के लिए मांगी।
औरंगाबाद। बुधवार को एक महिला समेत तीन के गिरोह ने शहर के दो ज्वेलरी दुकानों को करीब 50 हजार का चूना लगा दिया। विनोद प्रसाद और शेष नारायण प्रसाद की दुर्गा पथ स्थित जेवर दुकान ओर ये महिला अपने साथ दो नाबालिग लड़कियों को लेकर गई। कान की फैंसी बाली देखने के लिए मांगी। विनोद की दुकान पर एक बाली रख कर उसकी जगह पीतल की बाली रख कर चल गई। जब दुकानदार ने इसे समझा तो उसे पकड़ने के लिए पीछा करने लगे। इस बीच शेष नारायण एवं अन्य दुकानदार भी साथ हो गए। शेष नारायण प्रसाद की दुकान से सोने की दो बाली की जगह पीतल का रखकर वह निकल गयी थी। तीनों को लखन मोड़ के पास पकड़ कर पुलिस के हवाले दुकानदारों ने कर दिया। थाना पर प्रभारी थानाध्यक्ष बीरेंद्र पासवान ने पूछताछ की। उसके पास से नकली चांदी का दो पायल व स्कूटी का चाबी मिली। बताया गया कि जिस तरह दो दुकानदारों को उसने सोने का चुना लगाया उसी तरह किसी और दुकानदार से ठगी की होगी। पुलिस पूछताछ कर रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस हिरासत में होने के बावजूद महिला अकड़ कर बात करती रही और अपना नाम पता संवाद प्रेषण तक सही नहीं बता रही। पहले उसे खुद को दाउदनगर का निवासी फिर औरंगाबाद कालेज मोड़ निवासी, फिर हसपुरा की बताई। उसके पास से स्कूटी की चाबी मिली, लेकिन महिला कहती रही कि वह स्कूटी औरंगाबाद छोड़कर यहां बस से आई है। दाउदनगर आने का कारण उसने पहले दवा खरीदने का कारण बताया। फिर जेवर खरीदने के लिए औरंगाबाद से दाउदनगर आने की बात कही। कुछ भी अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले की छानबीन संवाद प्रेषण तक जारी है। संगठित और अनुभवी गिरोह है यह
महिला बहुत पकी हुई लगती है। इसका गिरोह भी बड़ा लगता है। गिरोह संगठित और काफी अनुभवी लगता है। इसके स्कूटी का पता संवाद प्रेषण तक नहीं चला। हर बार जानकारी स्पष्ट देने से बचती रही। इसके पास से गिलट का दो पायल बरामद हुआ बताया जाता है। यह भी किसी दुकानदार से ठगने में इस्तेमाल करती। हद यह कि इसके पास से जब्त पीतल की बाली पर मार्किंग किया हुआ है। यह बिना संगठित गिरोह और योजनाबद्ध तरीके से कम करने वाले के बिना संभव नहीं है। कभी दवा लेने आने, कभी दवा खरीदने कब लिए गहन बेचने आने, कभी गहना खरीदने की बात बताती रही। पुलिस को भी धमकाती रही कि हार्ड के पेशेंट हैं, मर जाऊंगी तो आप जेल चले जाओगे। महिला सिपाही को नौकरी खा जाने की धमकी देती रही।