गैस लीक से लगी आग में तीन की हुई मौत, दो का शव पहुंचा गया

गया। टिकारी प्रखंड के पलुहड़ गांव में एक संदिग्ध सहित चार लोगों की मौत के बाद मातम पसरा है। तीन जिदगियां महाराष्ट्र में गैस लीक होने के बाद लगी आग में झुलसकर तबाह हो गई इनका शव शनिवार को गांव पहुंचा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:52 PM (IST)
गैस लीक से लगी आग में तीन की हुई मौत, दो का शव पहुंचा गया
गैस लीक से लगी आग में तीन की हुई मौत, दो का शव पहुंचा गया

गया। टिकारी प्रखंड के पलुहड़ गांव में एक संदिग्ध सहित चार लोगों की मौत के बाद मातम पसरा है। तीन जिदगियां महाराष्ट्र में गैस लीक होने के बाद लगी आग में झुलसकर तबाह हो गई, इनका शव शनिवार को गांव पहुंचा। जबकि एक लचर व्यवस्था का शिकार बन गया। पीड़ित परिवारों के घर मातम पसरा है। दरअसल, यह घटना थाने (महाराष्ट्र) जिले के भाईंदर पश्चिमी का है। जहां पलुहड़ के रामानुज प्रसाद(43 वर्ष), जितेन्द्र उर्फ सोमर यादव(40 वर्ष) और सविद्र उर्फ कन्हाई यादव(28 वर्ष) पिछले कई वर्षो से एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे। पिछले रविवार की सुबह उक्त तीनों व्यक्ति जय अम्बे नगर स्थित जितेंद्र यादव के किराए वाले कमरे में चाय पीकर बैठे थे। भूल से गैस का रेगुलेटर बंद नही हुआ था। किसी कारण से गैस लीक कर रहा था। किसी को पता नही चला। इसी क्रम में बिजली का स्विच ऑन करते कमरे में आग लग गई। पलक झपकते ही पूरा कमरा आग के गुब्बारे में तब्दील हो गया। स्थानीय लोगों ने किसी तरह तीनों को कमरे से बाहर निकाला। आनन-फानन में सरकारी अस्पताल ले गए। लेकिन रामानुज जो घटना से कुछ देर पहले उस कमरे में आया था बुरी तरह जल जाने के कारण दम तोड़ दिया। जिसके बाद उसका वहीं अंतिम संस्कार कर दिया गया।

लेकिन, अस्पताल में जिदगी और मौत से जूझ रहे जितेंद्र और सविद्र को वहां कोरोना के कारण बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही थी। इस संबंध में वहां रह रहे इसी गांव के आलोक कुमार ने बताया कि परिस्थिति के मद्देनजर दो प्राइवेट एंबुलेंस(आईसीयू युक्त) ठीक कर गुरुवार को घर के लिए दोनों को रवाना कर दिया गया था। लेकिन शुक्रवार को रास्ते मे ही दोनों ने इंदौर के आसपास दम तोड़ दिया।

पलहुड़ गांव के निवासी व शिक्षक रास बिहारी पांडेय ने बताया कि शनिवार को दोपहर में दोनों का शव दो अलग-अलग एंबुलेंस से गांव पहुंचा। मृतक के घर कोहराम मच गया। गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। फिर किसी तरह दोनों का स्थानीय श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पीडित को एक एंबुलेंस का 1 लाख 32 हजार चुकाना पड़ा किराया

रासबिहारी पांडेय ने बताया कि महाराष्ट्र से एक एम्बुलेंस का किराया 1 लाख 32 हजार रुपये भुगतान करना पड़ा। जितेंद्र के परिवार वालों ने तो किसी तरह पैसा दे दिया। लेकिन सविद्र के घर में पत्नी के अलावे दो छोटे-छोटे बच्चे और बेहद गरीब परिवार होने के कारण उसके रिश्तेदार और गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर एंबुलेंस का किराया चुकता किया। पांडेय ने बताया कि उसके पिता भाईंदर में ही एक पॉक्सो एक्ट के मुकदमे आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

इधर, एक दिन पूर्व गांव में एक और मौत 55 वर्षीय बुजुर्ग की हो गई थी। वे 4-5 दिनों से बीमार थे। शुक्रवार को टिकारी इलाज कराने उसकी पत्नी लेकर आयी थी। लेकिन किसी निजी डॉक्टर ने इलाज नही किया। निराश होकर दोनों शाम में घर लौट रहे थे कि प्रकाश ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया।

उक्त आकस्मिक घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अग्निकांड के शिकार हुए तीनों पीड़ित परिवार सहित बेऔलाद प्रकाश की पत्नी को उचित मुआवजा और सविद्र के बच्चों को उचित पढ़ाई और देखभाल करने की व्यवस्था करने की मांग प्रशासन व सरकार से की है।

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