दक्षिण बिहार सेंट्रल यूनि‍वर्सिटी में बाल केंद्रित आपदा से बचाव के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय ऑफिस ऑफ प्रॉक्टर एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वावधान में बाल केंद्रित आपदा बचाव पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन प्रोग्राम शनिवार को संपंन्न हो गया। हमें सिर्फ उन्हें आपदा से पीड़ित नहीं मानना चाहिए।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 20 Mar 2021 03:50 PM (IST) Updated:Sat, 20 Mar 2021 03:50 PM (IST)
दक्षिण बिहार सेंट्रल यूनि‍वर्सिटी में बाल केंद्रित आपदा से बचाव के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन
बाल केंद्रित आपदा से बचाव के लिए ओरिएंटेशन। जागरण।

संवाद सहयोगी, टिकारी (गया)। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, ऑफिस ऑफ प्रॉक्टर एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वावधान में बाल केंद्रित आपदा बचाव पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन प्रोग्राम शनिवार को संपंन्न हो गया। इस अवसर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के डॉ. बालू ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रवंधन में बच्चों को भागीदार बनाए जाने की जरूरत है। हमें सिर्फ उन्हें आपदा से पीड़ित नहीं मानना चाहिए।

सीयूएसबी के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आतिश पराशर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी होते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्यक्रम की समाप्ति के बाद भी उससे निकले ज्ञान को कैसे बढ़ाया जाता रहे इस पर भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए संचार विशेषज्ञों को साथ लेकर संचार नीति भी बनाए जाने की जरूरत है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रंजन कुमार ने कोविड-19 के दौरान स्कूल से लेकर घरों तक किस प्रकार के बचाव की जरूरत है उस पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जब भी आपदा की स्थिति बनती है तब सबसे अधिक बच्चे ही प्रभावित होते हैं, ऐसे में हम सबको यह जानना बेहद जरूरी है कि कैसे उनका बचाव किया जा सके।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुजीत कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से हम अपने आने वाली पीढी को आपदा आने से पूर्व ही कैसे तैयार रहा जाए इससे अवगत कराने में सफल होते हैं। प्रतिभागियों ने भी कई सुझाव दिए।

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