कैमूर में इंदिरा आवास योजना की लिस्‍ट में हजारों फर्जी लाभुक शामिल, अभी तक हटाए गए 5738 नाम

कैमूर में इंदिरा आवास योजना में हजारों फर्जी लाभुक शामिल हो गए हैं। उन्‍हें लिस्‍ट से हटाकर असली हकदारों को लाभ देने का काम जारी है। अभी तक 5738 फर्जी लाभुकों के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 21 Dec 2020 09:57 AM (IST) Updated:Mon, 21 Dec 2020 09:57 AM (IST)
कैमूर में इंदिरा आवास योजना की लिस्‍ट में हजारों फर्जी लाभुक शामिल, अभी तक हटाए गए 5738 नाम
बिहार: इंदिरा आवास योजना की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

कैमूर, जागरण संवाददाता। कैमूर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास के लिए फर्जी तरीके से जोड़े गए नामों को हटाने की कार्रवाई लगातार चल रही है। जिले में फर्जी लाभुकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। अभी तक प्रखंड स्तर से अनुशंसा के आधार पर जिले में 5738 फर्जी लाभुकों के नाम को हटाए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिले में चल रही कार्रवाई से अपात्र लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के विशेष सचिव ने उप विकास आयुक्त को पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत आवास एप प्लस के माध्यम से नाम शामिल किए गए परिवारों के सत्यापन के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रतीक्षा सूची में छूटे हुए पात्र परिवारों का नाम शामिल करने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया निर्धारित है। गौरतलब हो कि इस अभियान में कैमूर जिले में 52450 लोगों का नाम आवास प्लस एप में जोड़ा गया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के स्तर से आवास एप प्लस के आंकड़ों के विश्लेषण के क्रम में पाया गया कि काफी संख्या में अपात्र लाभुकों का नाम सूची में जोड़ा गया है। इसी कारण आवास एप प्लस के माध्यम से नाम शामिल किए गए लाभुकों की पात्रता का सत्यापन किया जाना आवश्यक है। आवास प्लस के माध्यम से नाम शामिल किए गए परिवारों का आधार अपडेट किया जाना है। आवास एप के माध्यम से परिवारों की पात्रता का सत्यापन का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाएगा।

विभाग के निर्देशानुसार उक्त सूची में से सभी अपात्र लाभुकों का नाम हटाना है। इसकी प्रक्रिया कैमूर जिले में एक सितंबर से प्रारंभ की जा चुकी है। जांच प्रक्रिया का क्रम प्रथम चरण में प्रखंड स्तर पर किया जा रहा है, जहां आवास सहायक एवं आवास पर्यवेक्षक की अनुशंसा के आधार पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के हस्ताक्षर से अभ्यर्थी के अयोग्य होने पर अयोग्य लाभुक का ब्लॉक स्तर पर आवास सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया है। उसके बाद जिला स्तर पर उप विकास आयुक्त के अनुमोदन के उपरांत एमआइएस पदाधिकारी द्वारा नाम हटाने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है।

कैमूर के उप विकास आयुक्त कुमार गौरव कहते हैं कि पीएम आवास आवास योजना के अंतर्गत आवास सॉफ्ट पर लाभुक परिवारों के नाम हटाने की कार्रवाई जिले में लगातार चल रही है। आवास योजना का लाभ किसी भी अयोग्य लाभार्थी को नहीं मिलेगा। पात्र लाभुकों को प्राथमिकता के आधार पर आवास योजना का लाभ मिलेगा।

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