आंखें चुराने वालों को लग गई काली माता की नजर, लेकिन अब किसे ढूंढ रही कैमूर पुलिस की पैनी निगाहें
कैमूर जिले के नुआंव स्थित काली मंदिर से सोने की आंख चुराने के चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लेकिन इनके पास से आंखें बरामद नहीं हो सकी हैं।
नुआंव (कैमूर), संवाद सूत्र। काली मंदिर से सोने की आंख चुराने वाले को आखिरकार देवी माता की नजर लग ही गई। चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर मंगलवार को जेल भेज दिया। हालांकि माता की आंखें बरामद नहीं हो सकी हैं। आरोपितों ने कहा कि उनलोगों ने किसी अज्ञात से उन्हें बेच दिया है। गिरफ्तार आरोपितों में मृत्युंजय कुशवाहा, धनंजय कुशवाहा, सुशील कुमार शर्मा और विकास कुमार शर्मा शामिल हैं।
सात मूर्तियों की आंखें चुराकर ले गए
बता दें कि बीते दो जून को खुदुरा गांव के काली मंदिर में चोरी हुई थी। देवी की नौ में से सात मूर्तियों में लगी सोने की 14 आंखें और पंखा लेकर चोर फरार हो गए थे। घटना की खबर मिलते ही सनसनी फैल गई। लोग आक्राेशित हो गए। पहले तो ग्रामीणों ने अपने स्तर से पता लगाने की कोशिश की। इस क्रम में मृत्युंजय कुशवाहा, धनंजय कुशवाहा, सुशील कुमार शर्मा और विकास कुमार शर्मा की गतिविधियों पर शंका हुई। लेकिन आंखों का कुछ पता नहीं चला। चोरी का पता लगाने में असफल रहने पर गांव के अयोध्या सिंह ने गांव के हीं चारों युवकों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
अंजान शख्स के हाथों बेंच दी आंखें
थानाध्यक्ष सुनीत कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। लेकिन ये लोग फरार थे। इसी क्रम में सूचना पर सभी को गारा मोड़ के पास से सोमवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को मेडिकल जांच के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों ने चोरी में संलिप्तता स्वीकार की है लेकिन आंखें नहींं दीं। बताया कि किसी अंजान के हाथों इनलोगों ने औने-पौने दाम में वे आंखें बेच दी हैं। हालांकि इनकी बातों से लोगों को यकीन नहीं हो रहा। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह अंजान शख्स कौन है। अब देखना है कि माता की आंखें बरामद हो पाती हैं या नहीं।