Nawada: जिनका पहले से पक्‍का मकान उन्‍हें मिल गई योजना की राशि, हमारी हालत तो देखिए जनाब

नवादा के रोह प्रखंड के एक दंपती का वीडियो लोजपा नेता ने तैयार कर वायरल किया है। इसमें बताया गया है कि गांव में धनवान लोगों को इंदिरा आवास येाजना का लाभ मिल रहा है लेकिन उन्‍हें आज भी फूस के मकान में रहना पड़ रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:51 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:51 AM (IST)
Nawada: जिनका पहले से पक्‍का मकान उन्‍हें मिल गई योजना की राशि, हमारी हालत तो देखिए जनाब
अपने फूस के घर के सामने खड़े पति-पत्‍नी। जागरण

संवाद सूत्र, रोह नवादा। प्रखंड में कमोबेश सभी पंचायतों में आवास योजना का हाल बेहाल है। जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध ना करा कर अमीरों के पक्का मकान को ही योजना की राशि से चमकाने का काम हो रहा है। इंदिरा आवास में व्याप्त अनियमितता को लेकर कोसी-रूखी पंचायत की एक गरीब जनता की दास्तान  सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जिसमें पीड़ित व्यक्ति स्थानीय मुखिया से लेकर प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं। कोशी-रूखी पंचायत के रूखी गांव निवासी संजय ताती का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक-एक शब्द व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

लोजपा नेता ने तैयार किया है वीडियो

इस वायरल वीडियो को एक स्थानीय लोजपा नेता ने तैयार किया है। वायरल वीडियो में संजय तांती की पत्नी कहती नजर आ रही है कि इंदिरा आवास को लेकर कई बार बीडीओ साहब के पास गया। लेकिन उनके दरबारियों ने यह कह कर भगा दिया कि गांव वालों से झगड़ा हो गया है जो यहां चले आते हो। गांव वालों से मिलकर रहो तुम्हारा काम हो जाएगा। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि पहले खर्चा की मांग करते हैं। कहा कि पैसा नहीं रहने के कारण ही आज तक इंदिरा आवास नहीं मिल सका है।

पैसे नहीं रहने के कारण ही नहीं मिला आवास योजना का लाभ 

गांव के कुछ लोगों का नाम लेकर संजय तांती कहता है कि उनका पहले से ही पक्का मकान है वावजूद उन्‍हें आवास का लाभ मिल गया। यह सब देख मेरा कलेजा फट जाता है। मेरे पास रहने को ठीक से कच्चा मकान भी नहीं है। किसी तरह मेहनत मजदूरी कर बाल-बच्चों का पेट पाल रहा हूं।  प्रखंड के कुंज, मरूई, समरीगढ़, ओहारी, डुमरी, भीखमपुर सहित अधिकांश पंचायतों में उन्हीं लोगों को इंदिरा आवास मिल रहा है। जिनको पहले से ही पक्का मकान है। वही पुराने मकान का रंग-रोगन कर राशि का बंदर बांट कर ली जाती है। और सच्चे लाभुक लाभ से वंचित होकर सरकारी व्यवस्था की ओर मुंह ताकते रह जाते हैं।और इनकी हकमारी हो जाती है। जिसके कारण संबंधित अधिकारियों की खूब चांदी कट रही है।

इस बाबत बीडीओ कुमार अश्विनी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जाएगी। अगर मामला सही पाया गया तो दोषी अधिकारियों के साथ-साथ लाभुकों पर भी कानूनी कार्यवाई करते हुए राशि जब्त की जायेगी। साथ ही पीड़ित व्यक्ति का नाम प्रतीक्षा सूची में रहेगा और आवास लेने की मापदंड को पूरा कर रहा होगा तो उसे अवश्य ही आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

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