कैमूर में खाद की निगरानी करेगी ये टीम, कालाबाजारी करने वालों पर होगी पैनी नजर, दोषियों के साथ होगा ऐसा

कैमूर जिले के किसानों को खरीफ फसल के लिए उनकी मांग के अनुसार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है। साथ ही खाद की अधिक कीमत व कालाबाजारी करने वालों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने पदाधिकारियों की टीम का गठन किया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 01:47 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 01:47 PM (IST)
कैमूर में खाद की निगरानी करेगी ये टीम, कालाबाजारी करने वालों पर होगी पैनी नजर, दोषियों के साथ होगा ऐसा
कैमूर के खेतों में किया गया खाद का छिड़काव। जागरण।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले के किसानों को खरीफ फसल के लिए उनकी मांग के अनुसार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है। साथ ही खाद की अधिक कीमत व कालाबाजारी करने वालों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने पदाधिकारियों की टीम का गठन किया है।

खाद की उपलब्धता के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी रेवती रमण ने कहा कि जिले के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद उपलब्ध है। उन्होंने डीएम के निर्देश पर खाद की कालाबाजारी करने वाले व अधिक राशि लेकर खाद बेचने वाले दुकानदारों पर नजर रखने के लिए पदाधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। पदाधिकारियों की गठित टीम जिला व प्रखंड स्तर पर अलग-अलग टीम गठित हैं।

पदाधिकारियों की गठित टीम खुदरा और थोक विक्रेताओं की दुकानों पर नजर रखेंगे। समय-समय पर गोदाम में खाद की उपलब्धता की जांच भी करेंगे। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी व अधिक राशि लेने की शिकायत मिलने पर खाद विक्रेता के विरुद्ध नियमानुकूल कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द कर अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। मामला गंभीर होने पर दुकानदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई होगी।

जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि खाद विक्रेताओं को दुकानों पर किसानों की जानकारी के लिए दर सूची व गोदाम में खाद की उपलब्धता की जानकारी देनी होगी। रेट बोर्ड नहीं लगाने वाले दुकानदारों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कैमूर जिले में मांग के अनुरूप 27684 एमटी खाद की उपलब्धता है।

किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। बता दें कि जिले में धान की रोपनी चल रही है। किसानों को धान की रोपनी के कुछ दिन बाद खाद की जरूरत होगी। ऐसे में जिले में खाद की उपलब्धता रहने से किसानों को परेशानी नहीं होगी।

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