Bihar Police: यह तो हद हो गई...कैमूर के इस थाने में करेंगे फोन तो किशनगंज में रिसीव होगी कॉल
नुआंव प्रखंड के दो थानों में सरकारी नंबर नहीं है। इस कारण थाना प्रभारियों के व्यक्तिगत नंबर से ही काम चलाना पड़ता है। ऐसी स्थिति थानेदार के तबादला या छुट्टी पर रहने की स्थिति में वारदात की सूचना देना मुश्किल हो जाता है।
नुआंव (कैमूर), संवाद सूत्र। प्रखंड में तीन थानों का क्षेत्र पड़ता है। ये हैं कुछिला नुआंव और कुढ़नी। लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि नुआंव और कुढ़नी थाने का सरकारी नंबर (Official Number) नहीं है।ऐसे में लोगों को थानेदार या अन्य पुलिस अधिकारी के व्यक्तिगत नंबरों (Personal Mobile Number)पर कॉल करना पड़ता है। अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्षेत्र में कोई वारदात होने पर आम आदमी पुलिस को सूचना कैसे देगा क्योंकि सबके पास तो थानेदार का नंबर होता नहीं। थानाध्यक्षों का व्यक्तिगत नंबर ही संपर्क का एक मात्र माध्यम रहता है। ऐसी स्थिति में यदि किसी थानाध्यक्ष का स्थानांतरण होता है तो नंबर भी बदल जाता है। यदि थानाध्यक्ष छुट्टी पर चले जाते हैं तो संपर्क करने में परेशानी होती है। यदि कोई आपात स्थिति में रात के समय संपर्क करना चाहे और संबंधित पदाधिकारी का स्थानांतरण हो गया हो तो स्थिति काफी मुश्किल हो जाती है।
छुट्टी पर गए थानेदार कहते हैं... इस नंबर पर बात करिए
छुट्टी पर जाने की स्थिति में थाने से सीधे संपर्क नहीं हो पाता। पहले थानाध्यक्ष को फोन लगाइए फिर वे कहते हैं कि मैं तो छुट्टी पर हूं। इस नंबर पर बात कर लीजिए, तब जाकर कोई बात हो पाती है। इस संबंध में नुआंव सहायक थाना प्रभारी सुनीत सिंह ने बताया कि इस थाना का निर्माण 2007 में ही हुआ था। उस समय कोई एक नंबर अलॉट किया गया था। लेकिन वह नंबर बंद हो गया और उसे कोई दूसरा अलॉट करा लिया है। अब उस नंबर पर फोन करने पर किशनगंज किसी व्यक्ति के पास लगता है। यहां पर जो भी प्रभारी आते हैं उनको अपने व्यक्तिगत नम्बर से काम चलाना पड़ता है।
कुढ़नी थाने का नंबर पटना मुख्यालय में
इसी तरह कुढ़नी थाना प्रभारी ने बताया कि इस थाने के लिए भी पहले फोन नंबर जारी किया गया था। लेकिन नेटवर्क की परेशानी की वजह से उसे पटना मुख्यालय पर रखा गया है। यहां पर अपने व्यक्तिगत नंबर से हीं काम चलना पड़ता है। कुढ़नी थाना प्रभारी ने बताया कि इस थाने का क्षेत्रफल काफी कम है, केवल दो पंचायतों का इसका क्षेत्र है। लेकिन यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है और थाने पर केवल एक ही गाड़ी उपलब्ध है। गश्ती पर निकलने के बाद थाने पर कोई गाड़ी नहीं होती है। ऐसे में यदि कहीं और जाना हो तो परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध के पुलिस अधीक्षक से बात हुई है। उन्होंने एक और वाहन उपलब्ध कराने को कहा है, देखते है क्या होता है। यदि गाड़ी उपलब्ध हो जाती तो काफी सहूलियत हो जाती।