आजादी के बाद पहली बार सड़क से जुड़ेंगे औरंगाबाद जिला के जंगली इलाके के ये गांव

देव एवं मदनपुर थाना क्षेत्र के करीब 13 गांव आजादी के बाद से पहली बार काली सड़क से जुड़ेंगे। अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इन सभी गांवों में जिला प्रशासन व आरइओ विभाग सड़क नहीं बनवा सकी है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 03:53 PM (IST)
आजादी के बाद पहली बार सड़क से जुड़ेंगे औरंगाबाद जिला के जंगली इलाके के ये गांव
औरंगाबाद में जंगली इलाके में बसे गांव जाने के लिए वर्तमान में ऐसी है सड़क, जागरण फोटो।

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। देव एवं मदनपुर थाना क्षेत्र के करीब 13 गांव आजादी के बाद से पहली बार काली सड़क से जुड़ेंगे। मदनपुर के लंगुराही, अंबातरी, डोकरी,सागरपुर, ढकपहरी समेत अन्य जंगलतटीय गांवों में आज तक सड़क नहीं बनी है। देव थाना क्षेत्र के मुडग़ड़ा, गंजोई, बंगला बागिचा, चिनगी, झरना, महुलान, छुछिया, दुलारे गांव आजतक काली सड़क से नहीं जुड़ सका है। ऐसे सभी गांव पहाड़ पर घने जंगलों में बसे हैं। आरइओ विभाग इन गांवों में सड़क का निर्माण कराने में आजतक असफल साबित हुई है। अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इन सभी गांवों में जिला प्रशासन व आरइओ विभाग सड़क नहीं बनवा सकी है। इन गांवों के जंगल में कई बार सुरक्षाबलों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की घटना हुई है।

पूर्व में हुए मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल होने के बाद सुरक्षाबलों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। मुठभेड़ में नक्सलियों के मारे जाने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय लाने में पुलिस को काफी फजीहत झेलनी पड़ी है। अब इन गांवों में केंद्र सरकार की वाम पंथ योजना के तहत सड़क बनाने की स्वीकृति मिली है। सभी गांवों के ग्रामीणों में स्वीकृति मिलने से सड़क निर्माण की उम्मीद जगी है। हालांकि इन गांवों में सड़क का निर्माण करना जिला व पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती होगी पर बताया गया कि जरूरत पड़ी तो सुरक्षाबलों की पहरेदारी में सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

नक्सल अभियान में लगे सुरक्षाबलों ने बताया कि इन गांवों तक सड़क के निर्माण होने से किसी भी घटना के दौरान आसानी से पहुंचा जा सकता है। वर्तमान में पैदल पहुंचने के अलावा कोई सुविधा नहीं है। सड़क के नहीं होने से बाइक से भी जाना मुश्किल होता है। सुरक्षाबलों ने बताया कि सड़क के नहीं होने से नक्सलियों से जंगल में मुठभेड़ के दौरान काफी परेशानी होती है। बताया गया कि सांसद सुशील कुमार सिंह की पहल पर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली है। एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इन सड़कों के निर्माण से नक्सल अभियान के अलावा विधि व्यवस्था के संधारण में पुलिस के लिए काफी कारगर साबित होगा।

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