फतेहपुर में पसरा मातमी सन्नाटा, अलग-अलग घटनाओं में पानी में डूबने से एक महिला समेत दो की हुई मौत
घटना की जानकारी मिलते ही फतेहपुर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों शवों को पंचनामा के उपरांत पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया। वहीं घटना के बाद दोनों गांवों में मातम छाया हुआ है।
संवाद सूत्र,फतेहपुर (गया)। गया जिले के फतेहपुर प्रखंड में दो अलग-अलग जगहों पर नदी एवं आहर में डूबने से एक महिला समेत दो लोगों की हुई मौत हो गयी। बुधवार की देर शाम फतेहपुर थाना क्षेत्र के गननी पिपरा में खेत से जोताई कर घर लौट रहे 40 साल के किसान कैलाश यादव पैमार नदी पार करने का प्रयास किया।
पानी के तेज धार ने उसे अपने आगोश में समा लिया। उसे बचाने के लिए ग्रामीण जबतक नदी की तेज धार से बाहर निकालते इसके पहले ही उसकी मौत हो गयी। वहीं दूसरी घटना मोदन बिगहा में हुई। जहां 36 वर्षीय आशा देवी पइन को पार करने का प्रयास किया। गहराई अधिक होने के कारण वह गडडे में गिर पड़ी जिसके कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वहीं गुरुवार को घटना की जानकारी मिलते ही फतेहपुर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों शवों को पंचनामा के उपरांत पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया। वहीं घटना के बाद दोनों गांवों में मातम छाया हुआ है।
थोड़ी सी चूक के कारण गयी जान
गननी पिपरा के पैमार नदी एवं मोहदबिगहा के पइन के उपर पुल बना हुआ है। उसके बाद भी दोनों के द्वारा जल्दीबाजी दिखाते हुए नदी एवं पइन के बीच से पार करने का प्रयास किया गया। अगर उनके द्वारा लापरवाही ना दिखाते हुए पुल का प्रयोग किया जाता तो दोनों की जान बच सकती थी।
मालूम हो कि बरसात के दिनों में नदी, तालाब आदि जलस्रोतों में पानी का स्तर बढ़ जाता है। कई जलस्रोतों में खतरे का निशान लगाया गया है, लेकिन तैराक और स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर उसे पार कर जाते हैं। अति उत्साह में हादसों का शिकार बन जाते हैं। ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने से उनकी जान बच सकती है और वे दूसरे के लिए भी मिसाल बन सकते हैं।