कैमूर के नुआंव में नहीं है बस स्टैंड, मेन रोड हीं खड़ा होता सवारी वाहन, जाम से लोग हुए त्रस्‍त

प्रखंड राज्य के दो जिला रोहतास और बक्सर के साथ यूपी के गाजीपुर जिला से भी सटा हुआ है। इस सड़क से न केवल अंतरजिला बसों का संचालन होता है बल्कि अंतरराज्यीय बसों का भी आवागमन लगा रहता है। बस स्‍टैंड नहीं होने के कारण रोज भारी जाम लगता है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:23 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:30 AM (IST)
कैमूर के नुआंव में नहीं है बस स्टैंड, मेन रोड हीं खड़ा होता सवारी वाहन, जाम से लोग हुए त्रस्‍त
बस स्‍टैंड नहीं होने से मेन रोड पर ही खड़ी रहती हैं बसें, सांकेतिक तस्‍वीर

नुआंव (कैमूर), संवाद सूत्र। नुआंव बाजार में बस स्टैंड नहीं होने की वजह से सवारी वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़ा किए जा रहे हैं। जिससे सड़क पर आए दिन तो जाम लगता हीं है राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल प्रखंड मुख्यालय मोहनियां चौसा स्टेट हाईवे 14 के मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह प्रखंड राज्य के दो जिला रोहतास और बक्सर के साथ यूपी के गाजीपुर जिला से भी सटा हुआ है। इस सड़क से न केवल अंतरजिला बसों का संचालन होता है बल्कि अंतरराज्यीय बसों का भी आवागमन लगा रहता है। चूंकि प्रखंड मुख्यालय होने के साथ ही क्षेत्रीय लोगों का बाजार भी यहीं से होता है, जिससे काफी अधिक संख्या में प्रतिदिन लोगों का यहां आना जाना लगा रहता है।

यहां बस स्टैंड नहीं होने की वजह से बसें और अन्य छोटे छोटे सवारी वाहन मुख्य सड़क पर ही खड़ा होते हैं। सवारी गाड़ी वाले करें भी तो क्या करें क्योंकि कोई उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से मुख्य सड़क पर वाहन खड़ा करना उनकी मजबूरी है। वाहनों के खड़ा होने से आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानी तो होती ही है साथ हीं आए दिन दुर्घटना भी होती रहती है। पुलिस प्रशासन की उपस्थिति भी नदारद रहती है। जाम की समस्या से पदाधिकारियों को कई बार अवगत भी कराया जा चुका है, लेकिन इस दिशा में लोगों को ठोस पहल का इंतजार अभी भी है।

बता दें कुछ समय पहले एक प्रस्ताव आया था कि एक बाइपास सड़क बना दी जाए और बाइपास पर ही बस स्टैंड बना दिया जाए। जिससे बाजार में भारी वाहनों का आवागमन कम हो जाए। लेकिन यह योजना भी अभी तक हवा हवाई हीं प्रतीत होती है। दिन के समय में पुलिस दिखावे के लिए पीएनबी शाखा के पास खड़ा रहती है। लेकिन वह भी बस स्टैंड के पास जाना मुनासिब नहीं समझती। कभी कभी दिखाने के लिए ठेले खोमचे वालों पर लाठी भांज कर हटाया जाता है। लेकिन अगले दिन फिर से वही स्थिति हो जाती है। यदि किसी पुलिस कर्मी की यहां ड्यूटी लगती तो तात्कालिक रूप से कुछ इस समस्या से लोगों राहत मिलती।

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