जर्जर हो गई है रामगढ़ के मार्केट काम्प्लेक्स की दुकानें

कैमूर जिले के रामगढ़ बाजार स्थित मार्केट काम्प्लेक्स की दुकानें अति जर्जर हो गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 08:33 AM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 08:33 AM (IST)
जर्जर हो गई है रामगढ़ के मार्केट काम्प्लेक्स की दुकानें
जर्जर हो गई है रामगढ़ के मार्केट काम्प्लेक्स की दुकानें

गया। कैमूर जिले के रामगढ़ बाजार स्थित मार्केट काम्प्लेक्स की दुकानें अति जर्जर हो गई हैं। जिसके कारण कई दुकानों में जर्जरता की वजह से ताले लटक गए हैं। फटी छत व दीवारों में दरार की वजह से दुकान बंद है तो कई दुकानदार अपनी दुकानों की मरम्मत कराने में जुट गए हैं। उधर मार्केट काम्प्लेक्स की समिति 31 मार्च तक बकाया किराया चुकाने की नोटिस पहले ही भेज दी है। दुर्गा चौक के पास तस्सवर अंसारी की दुकान छह माह से बंद है। उनकी दुकान की छत फट गई है। बारिश होने पर पानी रिसने से काउंटर खराब हो गए हैं। उन्होंने दुकान खोला तो उसकी जर्जरता दिखी। उसमें बैठना खतरे से खाली नहीं। उधर ओम प्रकाश ने अपनी दुकान की मरम्मत खुद बीते शुक्रवार को कराया। समिति का कहना है कि खजाने में पैसे नहीं है। ऐसे में दुकानदारों को 31 मार्च तक किराया जमा कर देना है, अन्यथा बकाए किराए वाली दुकानों को सील किया जाएगा। काम्प्लेक्स के सचिव सह बीडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि बार बार नोटिस देने के बावजूद दुकानदारों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।मार्केट काम्प्लेक्स की अधिकांश दुकानों की जगह जगह दीवारें फटी हुई हैं। दरक चुकी छतों से रिस-रिस कर पानी टपकता रहता है। मरम्मत की दिशा में कोई कवायद नहीं होती। गौरतलब है कि 194 कमरों वाले भव्य मार्केट काम्प्लेक्स की दर्जन भर दुकानें पुरी तरह जर्जर हैं। खजाने में राशि नहीं, बकाया लाखों रुपये, कैसे हो मरम्मत

मार्केट काम्प्लेक्स की मरम्मत कराना है। खजाने में राशि नहीं है। लाखों रुपये बकाया है। इसलिए यह आखिरी चेतावनी है। निर्धारित अवधि में दुकानदार राशि का प्रबंध कर बकाया किराया चुका दें। इस अवधि में ऐसी दुकानों को जांच कर चिह्नित किया जाएगा, जिसमें बाहरी व्यक्ति दुकान का संचालन कर रहे हैं। ऐसी दुकानों की शिकायत मिली है। जांच में सही पाए जाने पर ऐसी दुकानों को स्वत: रद कर दिया जाएगा। बता दें कि खजाने में महज डेढ़ लाख है और दुकानदारों का अक्सर दबाव रहता है कि जर्जर दुकानों की मरम्मत हो। बीते बरसात के सीजन में खजाना खाली होने के कारण समिति ने मरम्मत से हाथ खड़ा कर लिए थे। समिति का कहना है कि 194 कमरों वाले काम्प्लेक्स की दुकानों की मरम्मत के लिए कम से कम 20 लाख चाहिए। दुकानों पर किराए का करीब 50 लाख रुपए बकाया है। डेढ़ लाख में मरम्मत कैसे होगी। मरम्मत तभी संभव है जब दुकानदार किराया चुकाएं। दुकानदारों का कहना है कि समिति समस्या को अनसुनी करती रही है। हर साल लाखों रुपये का सामान छत से रिसकर टपकते पानी की भेंट चढ़ जाता है।

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