16 शिक्षकों पर 25 सौ छात्र छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी, कैमूर के इस सरकारी स्कूल का हाल बेहाल
कैमूर का शारदा ब्रजराज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का हाल बेहाल है। बाहर से देखने में काफी सुंदर दिखता है। इसके दो मंजिले भवन आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन स्कूल के अंदर जाने के बाद इसकी व्यवस्था की पोल खुल जाती है।
मोहनियां(कैमूर),संवाद सहयोगी। सरकारी विद्यालयों की बदहाली विद्यार्थियों व अभिभावकों के लिए चिंता का विषय है। विद्यालयों में न तो मानक के अनुरूप शिक्षक हैं न हीं कमरे। इसे देखने से यही लगता है की ये विद्यालय भगवान भरोसे चल रहे हैं। यहां पढ़ाई की औपचारिकता पूरी की जा रही है। अनुमंडल मुख्यालय के एकमात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में समस्याओं का अंबार है। जिसे देखने के बाद यही लगता है कि जहां उच्च शिक्षा का यह हाल है तो प्राथमिक शिक्षा का तो भगवान ही मालिक है।
मोहनियां नगर पंचायत में जीटी रोड के बगल में अवस्थित शारदा ब्रजराज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाहर से देखने में काफी सुंदर है। इसके दो मंजिले भवन आकर्षण का केंद्र हैं। लेकिन अंदर जाने के बाद इसकी व्यवस्था की पोल खुल जाती है। वर्ष 1939 में शारदा ब्रजराज उच्च विद्यालय की स्थापना हुई थी। वर्तमान में इस विद्यालय में करीब ढ़ाई हजार छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वर्ष 2013-14 में विद्यालय को टेन प्लस टू का दर्जा मिला था। पांच साल बाद भी इस विद्यालय के इंटर के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए तरसना पड़ता है।
इंटर की पढ़ाई कराने के लिए हैं मात्र आठ शिक्षक
आठ शिक्षकों पर इंटर की पढ़ाई का दारोमदार है। जिसमें दो अतिथि शिक्षक हैं। विशेषज्ञ शिक्षकों के नहीं रहने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को ट्यूशन का सहारा लेना मजबूरी है। यहां 11 वीं में 480 व बारहवीं में 552 छात्र छात्राओं का नामांकन है। नौवीं व दसवीं में 12 सौ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। ढ़ाई हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मात्र 16 शिक्षकों पर है। जबकि सरकारी तौर पर 40 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए। हाई स्कूल यानि दसवीं कक्षा तक के लिए इस विद्यालय में शिक्षकों के 25 पद स्वीकृत हैं। इसमें प्रधानाध्यापक सहित मात्र नौ शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं इंटर के विद्यार्थियों के अध्यापन के लिए 16 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। जिसमें मात्र आठ शिक्षक ही यहां कार्यरत हैं।
शारदा ब्रजराज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहनियां में अंग्रेजी, विज्ञान, वाणिज्य व उर्दू के एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि इस विद्यालय में छात्रों की संख्या के हिसाब से अंग्रेजी के पांच शिक्षक होने चाहिए। इसमें एक भी शिक्षक नहीं हैं। विज्ञान विषय के जानकार शिक्षकों की भी भारी कमी है। किसी तरह काम चलाया जा रहा है। विद्यालय परिसर में 29 कमरे बने हैं। इसमें आठ कमरे जर्जर हैं। चार तो बेकार हो चुके हैं। विद्यालय में उपस्कर की भी कमी है। इसके बारे में विभाग के वरीय पदाधिकारियों को लिखा गया है।
एचएम अशोक सिंह विद्यालय के 22 वें प्रधानाध्यापक हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। विभागीय पदाधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया गया है। छात्र छात्राओं की संख्या के हिसाब से विद्यालय में कमरे व शिक्षकों की भारी कमी है। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है।