कम नहीं हो रही विशुनपुरा में डायरिया पीड़ितों की संख्या

गया। शेरघाटी प्रखंड अंतर्गत विशुनपुरा गांव के महादलित टोला में डायरिया की चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में गांव के लगभग दो दर्जन लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 12:27 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 12:27 AM (IST)
कम नहीं हो रही विशुनपुरा में डायरिया पीड़ितों की संख्या
कम नहीं हो रही विशुनपुरा में डायरिया पीड़ितों की संख्या

गया। शेरघाटी प्रखंड अंतर्गत विशुनपुरा गांव के महादलित टोला में डायरिया की चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में गांव के लगभग दो दर्जन लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। सभी पीड़ितों का स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक एवं सरकारी स्तर पर अनुमंडल अस्पताल में इलाज चल रहा है। सोमवार को अस्पताल परिसर ने पीड़ित मरीज के देखभाल करने वाले स्वजन भागी मंडल ने बताया कि हमारी पत्नी लाखों देवी को उल्टी एवं दस्त होना शुरू हुआ। गांव के निजी चिकित्सक के द्वारा इलाज शुरू कराया गया। सुबह अनुमंडल अस्पताल से एंबुलेंस गांव पहुंचा और सभी पीड़ितों को लेकर आया। अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक आशीष कुमार दत्ता ने बताया कि डायरिया से संक्रमित गांव विशुनपुरा में रविवार को मेडिकल टीम भेजी गई थी। वहां प्राथमिक इलाज के बाद 15 लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल लाकर इलाज शुरू कर दिया गया है। इसमें एक दर्जन मरीज लगभग स्वस्थ हो चुके हैं। जिन्हें छुट्टी दिया जा रहा है। सोमवार को पहुंचे मरीजों का भी इलाज चल रहा है और गांव में मेडिकल टीम भेजी गयी है। अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उदय कुमार ने बताया कि सभी मरीजों को आवश्यक दवाएं दी जा रही है। सभी खतरे से बाहर हैं।

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क्यों हो रहा संक्रमण

पीड़ित के स्वजन भागी मंडल, सुरेश मंडल व टाइगर मांझी बताते हैं कि हम सभी गांव में चापाकल का पानी पीते हैं। गांव में नया चापाकल बैठा है। उसी का पानी खाने पीने में उपयोग कर रहे हैं। क्योंकि महादलित टोला में नल का जल नहीं पहुंचा है। चापाकल से पानी गंदा दे रहा है। मजबूरी में उसी पानी को पीने से लेकर नहाने धोने तक का उपयोग किया जाता है। आशंका है कि चापाकल के गंदे पानी के कारण डायरिया जैसी बीमारी के चपेट में पूरा महादलित टोला आ चुका है।

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कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि

प्रखंड के पूर्व उप प्रमुख कृष्णनंदन कुमार ने बताया कि विशुनपुरा महादलित टोला में नल-जल की व्यवस्था नहीं है। परिणाम स्वरूप चापाकल का पानी टोले के लोग उपयोग करते हैं। चापाकल से दूषित पानी निकलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को एक और जहां पीड़ित मरीजों का इलाज करने की आवश्यकता है वहीं दूसरी ओर पानी की जांच भी जरूरी है।

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