पूर्णिमा पर खो गया रामगढ़ के इन गांवों का 'चांद', स्‍नान दान परंपरा निभाने नदी में गए तीन छात्र डूबे

गोड़सरा गांव से होकर गुजरी दुर्गावती नदी में एक साथ स्नान करने गए तीन छात्रों के डूबने की घटना से रामगढ़ सहित तीन गांवों में कोहराम मचा हुआ है। पूर्णिमा तिथि को घर-घर में स्नान दान की परंपरा का निर्वहन लोग कर रहे थे।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 08:50 AM (IST)
पूर्णिमा पर खो गया रामगढ़ के इन गांवों का 'चांद', स्‍नान दान परंपरा निभाने नदी में गए तीन छात्र डूबे
दुर्गावती नदी में डूबे तीन छात्र लापता। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। थाना क्षेत्र के गोड़सरा गांव से होकर गुजरी दुर्गावती नदी में एक साथ स्नान करने गए तीन छात्रों के डूबने की घटना से रामगढ़ सहित तीन गांवों में कोहराम मचा हुआ है। जिस पूर्णिमा तिथि को घर-घर में स्नान दान की परंपरा का निर्वहन लोग कर रहे थे तब उक्त तीनों छात्रों के घर में कोहराम मच गया। उजाला की जगह पूर्णिमा की रात उक्त तीनों छात्रों के घर अंधेरा छा गया। चारों तरफ चीख पुकार से कोहराम मच गया। एक साथ स्नान करने गए तीनों छात्रों के डूबने की घटना ने सबको मर्माहत कर दिया है। रेफरल अस्पताल से लेकर बाजार में कोहराम मचा हुआ है।

हैदराबाद से फ्लाइट लेकर आ रहे पवन के पिता

तीसरे छात्र पवन दुबे की पांच घंटे बाद भी बरामदगी नहीं होने से प्रशासन भी परेशान है। परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। पुत्र के नदी में डूबने की सूचना पर पवन के पिता हैदराबाद से फ्लाइट से बनारस के लिए निकल चुके हैं। उधर अभिराज गुप्ता व चंदन यादव की मां भी दहाड़ मारकर रो रो कर अपना सुध खो दी है। एसडीएम राहुल कुमार, सीओ अर्चना कुमारी, बीडीओ प्रदीप कुमार, थानाध्यक्ष राम कल्याण यादव सहित अन्य पदाधिकारी दुर्गावती नदी पर कैंप कर रहे हैं।

गोताखोरों का प्रयास जारी

शिवघाट से लेकर नऊवा गाड़ा तक जाल लगा कर मछुआरे व गोताखोर लड़कों को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। खुद एसडीएम राहुल कुमार घटना स्थल पर मौजूद होकर कैंप कर रहे हैं। एसडीएम राहुल कुमार ने बताया कि मछुआरों के अनुसार पानी का बहाव तेज होने के कारण महाजाल नहीं काम कर सकता है। इस लिहाज से एनडीआरएफ की टीम की मांग की गई है। ग्रामीण तीनों लड़कों की सुकुशल बरामदगी की प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ ग्रामीण इसे सबक के रूप में भी ले रहे हैं। वे मान रहे हैं कि बच्‍चों को नहाने के लिए नदी में अकेले नहीं भेजना चाहिए।

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