धनतेरस के लिए सजा गया का बाजार, लुभा रहे कोलकाता, दिल्ली व मुंबई से आए सोने-चांदी के सिक्के
दीपावली से पहले धनतेरस का दिन अहम होता है। इस दिन खरीदारी अधिक फलदायी मानी गई है। यह चलन सदियों से चला आ रही है। इस दिन की गई खरीदारी को शास्त्रों में शुभ माना जाता है। इसीलिए हर कोई इस दिन कुछ ना कुछ जरूर खरीदता है।
जागरण संवाददाता, गया। दीपावली से पहले धनतेरस का दिन अहम होता है। इस दिन खरीदारी अधिक फलदायी मानी गई है। यह चलन सदियों से चला आ रही है। इस दिन की गई खरीदारी को शास्त्रों में शुभ माना जाता है। इसीलिए हर कोई इस दिन कुछ ना कुछ जरूर खरीदता है। ऐसे में सराफा बाजार सजने लगा है। दुकानों में लक्ष्मी-गणेश के चांदी के सिक्के अधिक हैं।
बुलियन एसोसिएशन के संयोजक विश्वनाथ प्रसाद ने कहा कि इस बार दीपावली में चांदी के सिक्के की खनक होगी। बाजार में लक्ष्मी-गणेश के सिक्के देश के कई शहरों से आते हैं। इनमें सबसे अधिक सिक्के कोलकाता, दिल्ली एवं मुंबई आते हैं। ग्राहक के पसंद के अनुसार उक्त शहरों से सिक्के मंगाए जाते हैं। दीपावली एवं धनतेरस को लेकर बाजार में पांच, 10 एवं 50 ग्राम के सिक्के हैं। सिक्के की पहचान हालमार्क से की जाती है।
सोने के सिक्के भी बाजार में
दीपावली को लेकर बाजार में सोने के सिक्के भी खूब हैं। एक से 10 ग्राम तक के सिक्के हैं। एक ग्राम सिक्के का दाम 5100 रुपये है। धनतेरस पर लोग बड़ी संख्या में सोने चांदी के सिक्कों की खरीदारी करते हैं। वैसे निजी और सरकारी बैंक भी सोने के सिक्के बेच रहे हैं। बैंक ऑफर भी दे रहे हैं। यूपीआइ के माध्यम से भी लोग सोने की खरीदारी करते हैं।
पांच करोड़ कारोबार होने की उम्मीद
दीपावली में सोने-चांदी के पांच करोड़ रुपये के कारोबार होने की उम्मीद बुलियन एसोसिएशन ने जताई है। संयोजक ने कहा कि कारोबार में और अधिक वृद्धि हो सकती है। धनतेरस के दिन शहर में यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। इस कारण ग्राहक सराफा बाजार तक नहीं पहुंचते हैं। यातायात व्यवस्था ठीक रहने पर कारोबार में और इजाफा हो सकता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भी लोग अन्य कीमती चीजों की खरीदारी करने के बाद सोने-चांदी के सिक्के जरूर खरीदते हैं। खास कर वैसे सिक्के जिसमें लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर बनी हो।