Aurangabad: किसान-मजदूरों के साथ केंद्र सरकार कर रही अन्याय, एकजुट होकर करना होगा मुकाबला
मई दिवस के अवसर पर औरंगाबाद में भाकपा माले के जिला कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें किसान-मजदूरों के संबंध में बने कानूनों की निंदा की गई। कहा गया कि एकजुटता से ही अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।
दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी। भखरुआं स्थित भाकपा माले (CPI ML) के पार्टी कार्यालय पर मई दिवस (May Day) के अवसर पर शहीद मजदूरों की याद में श्रद्धांजलि सभा की गई। मजदूर-किसान एकता के रूप में मजदूर दिवस मनाया गया। इसमें मजदूरों से एक होने का आह्वान किया गया। साथ ही केंद्र सरकार से मजदूरों से जुड़े नए कानून वापस लेने की मांग की गई।
देश को चला रहे किसान-मजदूर फिर भी उपेक्षा
झंडोतोलन पार्टी कार्यालय सचिव जयनंदन राम ने किया। भाकपा माले नगर सचिव बिरजु चौधरी ने कहा कि आज मजदूर दिवस का मतलब है किसानों-मजदूरों की एकता। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के अवसर का फायदा उठाकर सबसे पहले मजदूर विरोधी चार श्रम कानून संशोधन (Labor Law amendment) और फिर किसान विरोधी तीन कृषि काले कानून (Central Agriculture Law) बनाने का काम किया। जबकि देश को किसान मजदूर ही चला रहे हैं। लेकिन इन कानूनोंं किसानों व मजदूरों को कहीं का नहीं छोड़ा गया। कानून के माध्यम से हमारे साथ अन्याय किया गया है। इसे बर्दाश्त नहींं किया जाएगा। इसलिए आज किसान-मजदूर एकता की जरुरत है।
किसानों के आंदोलन को दमन करने का प्रयास
जिला सचिव ने कहा कि काले कानून के खिलाफ किसान करीब छह माह से दिल्ली के बॉडर्रों पर आंदोलित हैं। वे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अब कोरोना का फायदा उठाकर किसान आंदोलन को दमन करने की भी आशंका है। भाकपा माले ने मजदूर विरोधी चार श्रम संशोधन कानून और किसान विरोधी तीनों कृषि काला कानून वापस लेने के साथ ही कोरोना वार्ड में हो रहे कोविड मरीज के इलाज का प्रसारण वार्ड से बाहर करने की मांग की। कई अन्य चर्चा भी की गई। कार्यक्रम में माले प्रखंंड सचिव चन्द्रमा पासवान, किसान महासभा के जिला सचिव कामता प्रसाद यादव, खेग्रामस जिला सचिव राजकुमार भगत, नगर सचिव बिरजु चौधरी, अधिवक्ता नन्दकुमार सिंह यादव, निर्माण मजदूर नेता कैलाश साव, कामेश्वर सिंह, निखिल कुमार शारीरिक दूरी बनाकर शामिल हुए।