टिकारी के गोपालपुर में चचरी के सहारे आहर पार कर रहे बालका का पैर फिसला, डूबने से मौत

गया जिला के टिकारी थाना क्षेत्र के आमाकुंआ पंचायत अंतर्गत गोपालपुर गांव में आने-जाने का रास्‍ता नहीं है। गांव आने के लिए पानी से भरे गड्ढ़ें और आहर पार करना होता है। ग्रामीण खुद से इसपर ताड़ के पत्‍तों या बांस की चचरी रखकर रास्‍ता बना लेते हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 04:41 PM (IST)
टिकारी के गोपालपुर में चचरी के सहारे आहर पार कर रहे बालका का पैर फिसला, डूबने से मौत
चचरी से आहर पार करते समय बालक की गई जान, सांकेतिक तस्‍वीर।

टिकारी (गया), संवाद सूत्र। गया जिला के टिकारी थाना क्षेत्र के आमाकुंआ पंचायत अंतर्गत गोपालपुर गांव में आने-जाने का रास्‍ता नहीं है। गांव आने के लिए पानी से भरे गड्ढ़ें और आहर पार करना होता है। ग्रामीण खुद से इसपर ताड़ के पत्‍तों या बांस की चचरी रखकर रास्‍ता बना लेते हैं। सोमवार की शाम को गोपालपुर स्थित ऐसे ही आहर को पार करते वक्‍त एक बच्‍चे  की मौत हो गई। बच्‍चा अनिल दास का नौ वर्षीय पुत्र मनीष कुमार था।

जानकारी के अनुसार मनीष आहर पार करने के लिए बने लकड़ी के चचरी से गुजर रहा था। इसी क्रम में उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। घटना के समय उसका भाइ साथ था। उसने दौड़कर मनीष के पानी में डूबने की जानकारी घरवालों की दी। जिसके बाद वहां जूुटे स्वजनों एवं ग्रामीणों ने किसी तरह उसे पानी से बाहर निकाला और अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।

घटना की सूचना के बाद मृतक के घर पहुंचे मुखिया रिंकू ठाकुर एवं पंसस रंजय सिंह ने स्वजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। मुखिया रिंकू ठाकुर ने बताया कि गोपालपुर जाने के लिए रास्ता नहीं है। पानी से भरे गड्ढ़े को पार करना होता है। गड्ढ़े को पार करने के लिए ताड़ का पेड़ रखा रहता है। कहीं कहीं ग्रामीण बांस की चचरी भी बना लेते हैं। उसी से होकर लोग गांव आते-जाते हैं।  ऐसे ही रास्ते को पार करते समय ही मनीष पानी में गिर गया और उसकी मौत हो गई।

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