बेरोजगारों के साथ मत्‍स्‍य विभाग कर रहा मजाक, भभुआ में मछली पालकों को करना पड़ेगा मार-काट, ये है वजह

बेरोजगार और बेराेजगारी का देशभर में मजाक बन रहा है। बिहार मत्‍स्‍य विभाग भी उनकी खिल्‍ली उड़ाने से नहीं चूक रहा। स्‍वाबलंबी बनाने के नाम पर मत्‍स्‍य विभाग ने बेरोजगारों को ऐसा झुनझुना थमाया है जिसके बाद उनका कुछ ये हाल हो गया।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 04:23 PM (IST)
बेरोजगारों के साथ मत्‍स्‍य विभाग कर रहा मजाक, भभुआ में मछली पालकों को करना पड़ेगा मार-काट, ये है वजह
मत्‍स्‍य विभाग ने अतिक्रमित तालाबों की कर दी बंदोबस्‍ती। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले में रोजगार के साधन को बढ़ाने के लिए सभी विभाग अपने-अपने स्तर से प्रयासरत हैं। इसी क्रम में मत्स्य विभाग भी रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तालाबों की बंदोबस्ती करता है। तालाबों की बंदोबस्ती लेकर मछली पालन कर स्वावलंबी बन सके। लेकिन, जिले में जब तालाबों का अतिक्रमण ही नहीं हट सका तो मछली पालन को बढ़ावा कैसे मिलेगा।

मिली जानकारी के अनुसार, कैमूर जिले में मत्स्य विभाग द्वारा कुल 971 तालाबों की बंदोबस्ती की गई है। उक्त बंदोवस्ती की अवधि 30 जून 2022 तक है। लेकिन, इन 971 तालाबों में से 429 तालाबों पर अतिक्रमण है। इसके चलते इन तालाबों में मछली पालन का कार्य नहीं हो पा रहा है। इसमें सबसे अधिक मोहनियां में 87 और भभुआ में 81 तालाबों पर अतिक्रमण है, जबकि सबसे कम दुर्गावती प्रखंड में 22 तालाब अतिक्रमण की चपेट में है। बंदोबस्‍ती लेने वाले लोग जब भी तालाब पर कब्‍जा लेने जाते हैं तो अतिक्रमणकारी उनके साथ मारपीट करने को आमादा हो जाते हैं। फायरिंग करने से भी नहीं चूकते।

बता दें कि जल संरक्षण को लेकर जिले में जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत तालाबों का जीर्णोद्धार व मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। लेकिन लॉकडाउन के चलते तालाबों पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई नहीं हो सकी। इससे अब तक जिले के विभिन्न प्रखंडों में तालाब आज भी अतिक्रमण की चपेट में है। इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि तालाबों से अतिक्रमण हटाने के लिए संबंधित अंचल के सीओ को पत्र लिखा गया है।

प्रखंडवार तालाबों की संख्या

प्रखंड - अतिक्रमित तालाब - तालाबों की संख्या भभुआ - 81 - 156 रामपुर - 43 - 81   रामगढ़ - 23 - 98 चांद- 55- 138   चैनपुर - 28 - 116 दुर्गावती - 22 - 83   कुदरा - 28 - 95 भगवानपुर - 23 - 52   मोहनियां - 87 - 138 नुआंव - 42 - 46

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