अधिक अन्न का उत्पादन करके ही समृद्ध होंगे रोहतास के किसान, वैज्ञानिक विधि से होगा फायदा

रोहतास में डीएम धर्मेंद्र कुमार ने दो दिवसीय कृषि मेला व उद्यान प्रदर्शनी प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इस मेले में कई तरह उत्‍पादों के स्‍टॉल लगाए गए हैं। डीएम ने कहा कि अधिक अन्‍न उत्‍पादन करना बहुत जरूरी है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 04:28 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 04:28 PM (IST)
अधिक अन्न का उत्पादन करके ही समृद्ध होंगे रोहतास के किसान, वैज्ञानिक विधि से होगा फायदा
स्‍टॉल का मुआयना करते डीएम धर्मेंद्र कुमार। जागरण

जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। स्थानीय बाजार समिति परिसर तकिया में मंगलवार को जिलास्तरीय दो दिवसीय कृषि मेला सह उद्यान प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन डीएम धर्मेंद्र कुमार व डीएओ संजय नाथ तिवारी ने संयुक्त रूप से किया। मेले में कृषि विभाग से जुड़े यंत्रों, कीटनाशकों, हस्त शिल्प, मशरूम उत्पादन आदि की जानकारी के लिए स्टॉल पर पूरे दिन किसानों की भीड़ लगी रही।

बिहार के समृद्ध जिले में से एक है रोहतास

डीएम ने कहा कि रोहतास कृषि के क्षेत्र में बिहार के सबसे समृद्ध जिलों में से एक है। अब वक्त आ गया है कि जागरूक होकर आप सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं, ताकि अधिक उत्पादन कर समृद्ध बन सकें। इसके लिए सरकार अनुदान के साथ-साथ ऋण भी उपलब्ध करा रही है। अधिक उपज के लिए वैज्ञानिक विधि को अपनाना जरूरी है। डीएओ ने किसानों को अनुदान, बीज समेत अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई तथा किसानों को कृषि यंत्रों का भी अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए कहा।  उन्होंने कहा कि कृषि में क्रांति के लिए विभाग प्रयत्नशील है। किसानों को कम अवधि के फसल को अपनाना होगा।

जल-जीवन-हरियाली को विस्‍तार की जरूरत

कृषि विज्ञान केंद्र बिक्रमगंज के वैज्ञानिक डॉ. रतन कुमार ने जल जीवन हरियाली के विस्तार पर बल दिया। कहा कि केविके अपने पांच चिह्नित गांवों में इसे बढ़ावा देने पर कार्य कर रहा है। इसके तहत जगभग 400 एकड़ में गेहूं, 50 एकड़ में चना, 50 एकड़ में मसूर, 50 एकड़ में सरसों की खेती की गई है। वरीय वैज्ञानिक व केविके के प्रधान डॉ. आरके जलज ने कहा कि मत्स्य पालन व उद्यान के विविध आयामों पर काम चल रहा है। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के गेहूं, चना, भिंडी आदि फसलों में लगने वाले रोग व कीट से संबंधित समस्याओं को लेकर पूछे गए प्रश्‍नों के जवाब भी दिए। डॉ. प्रवीण कुमार पटेल ने बताया कि रोहतास जिला मेंथा की खेती में बिहार में पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर भागलपुर जिला है। मौके पर सहायक निदेशक पौधा संरक्षण संतोष कुमार, कृषि इंजीनियरिंग अकरम अंसारी, सहायक निदेशक मिट्टी जांच अंशु राधे आदि मौजूद थे।

कृषि मेला में फल, फूल व सब्जी के स्टॉलों पर भी रही भीड़

कृषि मेला सह उद्यान प्रदर्शनी प्रतियोगिता में फल, फूल व सब्जी के स्टॉलों पर भी खूब भीड़ रही। डीएम , डीएओ समेत अन्य अधिकारियों ने परिसर में लगे सभी 40 स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने किसानों के उत्पादों की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित भी किया। स्टॉलों पर मूंगा मशरूम, मशरूम के प्रसंस्करण से बना अचार, मिठाई, नमकीन, मशरूम का पाउडर, जैविक सब्जियों में गोभी, आलू, बैगन, टमाटर, मूली, प्याज, पपीता, स्ट्रा बेरी, कद्दू, कोंहड़ा आदि की प्रदर्शनर लगाई गई थी। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से फसल लगाने के बारे में बताया। कब किस फसल के बीज लगाना चाहिए, उसकी देखरेख कैसे करें, रोग उपचार कैसे किया जाता है, खाद और पानी की मात्रा कब कितनी होनी चाहिए, रोपनी व बोवनी कैसे करें, उपज की वृद्धि कैसे होगी आदि की जानकारी दी।

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