बिहार के किसनों को भी नहीं पसंद नया फरमान, नवादा में तीनों कृषि कानून की प्रतियां जलाकर जताया विरोध

कृषि कानून को रद करने की मांग सरकार से की गई। किसान महासभा के जिला संयोजक ने कहा दिल्ली सीमा पर छह माह से अधिक समय से किसान आंदोलन चल रहा है। जिसमें कई किसानों ने अपनी शहादत भी दी है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 05:38 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 05:38 PM (IST)
बिहार के किसनों को भी नहीं पसंद नया फरमान, नवादा में तीनों कृषि कानून की प्रतियां जलाकर जताया विरोध
नए कृषि कानून का विरोध करते बिहार के किसान। जागरण आर्काइव।

संवाद सहयोगी, नवादा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर शनिवार को तीनों कृषि कानून के प्रतियां जलाकर विरोध जताया गया। कौआकोल के पाली में किसान महासभा के संयोजक किशोरी प्रसाद, काशीचक में प्रफ्फुल पटेल, पकरीवरावां में अरूण कुमार कुशवाहा, वारिसलीगंज में प्रमोद यादव के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित हुए।

इस दौरान कृषि कानून को रद करने की मांग सरकार से की गई। किसान महासभा के जिला संयोजक ने कहा दिल्ली सीमा पर छह माह से अधिक समय से किसान आंदोलन चल रहा है। जिसमें कई किसानों ने अपनी शहादत भी दी है। परंतु तानाशाह सरकार किसानों के जान की परवाह किए बिना उसे उसके हाल पर छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री पूंजीपतियों को खुश रखने पर आमादा हैं।

सरकार काला कानून वापस नहीं लेगी तो किसान भी घर वापसी नही करेगें। कार्यक्रम में शिवली, अंजुम कैफी आदि ने भाग लिया। इधर, नवादा में किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष प्रो. नरेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में कानून की प्रतियां जलाई गई। इस अवसर पर सीपीआईएम राज्य कमेटी के सदस्य उमेश प्रसाद, विपीन कुमार सिंह, मुकलेश प्रसाद, ट्विकंल कुमार, राजन कुमार, भोली सिंह, अजित कुमार, प्रेम कुमार, सीटू कुमार ने भाग लिया। प्रो. शर्मा ने कहा क संशोधित कृषि कानून किसान के हित में नहीं है।

कानून कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। इससे किसान को कृषि का उपज का सही दाम नहीं मिल पाएगा तथा खेती से किसान बेदखल हो जाएंगे। इससे बेरोजगारी देश में काफी बढ़ेगी और धीरे-धीरे देश कंपनी राज्य में तब्दील हो जाएगा।

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