पोस्टमार्टम के लिए रातभर अस्पताल के बरामदे में पड़े रहे यूपी के दो युवकों के शव, देखकर सिसकते रहे स्वजन
औरंगाबाद में सोमवार की शाम सड़क हादसे में युपी के दो युवकों की मौत हो गई थी। उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए रातभर सदर अस्पताल के बरामदे में रखा गया। यह देखकर स्वजनों का कलेजा फटता रहा।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। नगर थाना क्षेत्र के जीटी रोड रतनुआ गांव के पास सोमवार की शाम ट्रक से कुचलकर हुई दो बाइक सवार युवकों की मौत से टूट चुके स्वजनों के लिए सरकारी व्यवस्था भी रुलाने वाली रही। रातभर दोनों युवकों का शव अस्पताल के बरामदे पर पड़ा रहा। लेकिन पोस्टमार्टम नहीं किया गया। स्वजन अपने उन लाडलों के बेजान शव को देखकर खून के आंसू रोते रहे।
यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले थे दोनों
उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के गंभीरपुर थाना क्षेत्र के रसुलपुर गांव निवासी मो. रफीक एवं मो. लड्डन की मौत सोमवार की शाम हादसे में हो गई थी। दोनों आपस में रिश्तेदार थे। मौत के बाद पुलिस ने दोनों का शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया। अस्पताल के बरामदे पर दोनों का शव स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। स्वजन आग्रह करते रहे। लेकिन कहा गया कि रात में पोस्टमार्टम की व्यवस्था ही नहीं है। स्वजनों ने मंगलवार सुबह में बताया कि अगर रात को ही शव का पोस्टमार्टम कर दिया जाता तो अबतक शव को दफन भी कर दिया गया होता। लेकिन परिवार के लोग रातभर शव की निगरानी करते रहे। शव को देखकर रोते रहे। मो. रफीक ने बताया कि सुबह दस बजने को है पर अबतक पोस्टमार्टम नहीं किया गया है। स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर नाराजगी जताई।
इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को हुई परेशानी
उधर अस्पताल में शव पड़े रहने से पहुंचने वाले मरीजों के अलावा उनके स्वजनों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। अस्पताल के मुख्य बरामदे में ही शव पड़ा रहा। इस कारण वार्ड की तरफ आने-जाने च इलाज के लिए इंतजार करने में मरीजों एवं उनके स्वजनों को परेशानी झेलनी पड़ी। शव के बगल से ही सभी को गुजरना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ऐसी कि शव को पूरी तरह ढंका भी नहीं गया था। खून से लथपथ शव देख लोग सिहर जा रहे थे। सदर अस्पताल के प्रबंधक हेमंत कुमार ने कहा कि शाम छह बजे के बाद सदर अस्पताल में आने वाले शवों का पोस्टमार्टम डीएम के आदेश पर किया जाता है। विशेष परिस्थिति में ही शाम छह बजे के बाद शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है।