कैमूर पुलिस की रचना ने 'रचित राज' बनने की ठानी, जेंडर परिवर्तन को गाजियाबाद के डॉक्टर से किया संपर्क
वर्ष 2018 में महिला पुलिस के रूप में उसकी नियुक्ति भी हो गई। लेकिन अपनी भावना से वह संकोच में अब तक परिजनों को भी अवगत नहीं कराई। पुरूष परिधान पहनने के साथ लड़कों जैसा व्यवहार करने की अभ्यस्त हो चुकी रचना अब पूरी बदलना चाहती हैं।
जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले के एसपी के गोपनीय कार्यालय में टेलीफोन ड्यूटी निभा रही महिला सिपाही रचना कुमारी फिलवक्त रचित राज बनने की जिद ठानी है। उसने जेंडर परिवर्तन के लिए यूपी के गाजियाबाद के चिकित्सक डा. अखिल धानदा से संपर्क करने की बात कही है। उसने अपना नाम रचना कुमारी से रचित राज करने के लिए कोर्ट से एफिडेविट भी बनवा लिया है। अब विभाग को आवेदन देने की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है। सारण मंडल के छपरा जिला निवासी एक विवाहित बहन व तीन भाई के साथ जीवन यापन करने वाली फिलवक्त रचना कुमारी व संभावित रचित राज की मानें तो बचपन से ही उसके मन में लड़कियों जैसा कपड़ा पहनने व सजने सवंरने की भावना की जगह लड़कों सा कपड़ा पहनने व उनके साथ रहने की इच्छा बलवती हो गई थी। इस प्रकार के आचरण से उसे कई बार उसे सामाजिक हंसी का पात्र भी बनना पड़ा। इसके बाद बचपन से किशोर अवस्था में पहुंचते- पहुंचते और इच्छा बलवती हो गई। इस दौरान उसने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा भी पास कर ली।
वर्ष 2018 में महिला पुलिस के रूप में उसकी नियुक्ति भी हो गई। लेकिन अपनी भावना से वह संकोच में अब तक परिजनों को भी अवगत नहीं कराई। पुरूष परिधान पहनने के साथ लड़कों जैसा व्यवहार करने की अभ्यस्त हो चुकी रचना ने अब पूरी तरह से पुरूष बनने की तैयारी कर ली है। उसे इस बात का कोई मलाल नही है कि लोग क्या कहेंगे। उसका मानना है कि प्रत्येक को अपनी अभिव्यक्ति का प्रदर्शन करने का अधिकार है।
इस संबंध में एसपी राकेश कुमार ने बताया कि गोपनीय कार्यालय में टेलीफोन ड्यूटी निभा रही रचना कुमारी की बतौर महिला पुलिस वर्ष 2018 में नियुक्ति हुई है। विभाग के अब तक के उपलब्ध अभिलेख में उसका नाम रचना कुमारी है। उसने अब तक विभाग में नाम या जेंडर परिवर्तन के लिए कोई आवेदन नही दिया है। किसी के मन में क्या फीलिंग है, यह उसका निजी मामला है।
मालूम हो कि बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली एक लड़की ने कुछ साल पहले न्यूयॉर्क (New York) में अपना लिंग परिवर्तन कराया था। उसके पिता पटना के सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। लड़की बेंगलुरु के एक निजी कंपनी में इंजीनियर है। लिंग परिवर्तन के बाद उसने एक लड़की से शादी की और वर्तमान में दोनों बेंगलुरु में ही रह रहे हैं। स्वजनों ने बताया था कि किशोरावस्था से ही वह लड़कों की तरह व्यवहार करती थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब करने की ठान ली। खुद की कमाई से न्यूयॉर्क में जाकर लिंग परिवर्तन कराया। बताया जाता है कि उसकी सर्जरी सफल रही।