सासाराम में शिक्षक नियोजन का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर आयोग ने सचिव पर लगाया जुर्माना, विभागीय कार्रवाई करने के की अनुशंसा

आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगे गए शिक्षक नियोजन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर काराकाट पंचायत के पंचायत सचिव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बिहार राज्य सूचना आयोग ने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके पहले फरवरी में इनके विरुद्ध 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 09:37 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 09:37 PM (IST)
सासाराम में शिक्षक नियोजन का दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर आयोग ने सचिव पर लगाया जुर्माना, विभागीय कार्रवाई करने के की अनुशंसा
आर टी आई का लोगो जिसके तहत मांगी गई थी सूचना

संवाद सूत्र, काराकाट: रोहतास। सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगे गए शिक्षक नियोजन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के कारण काराकाट पंचायत के पंचायत सचिव बलिराम सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बिहार राज्य सूचना आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इनके बिरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके पहले फरवरी में इनके विरुद्ध 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

सचिव ने शिक्षक नियोजन संबंधी संचिका न तो प्रस्तुत किया और न ही स्पष्टीकरण का जबाब 

आवेदक बिक्रमगंज निवासी धर्मेंद्र कुमार ने वर्ष 2003, 2004, 2010 व 2014 में नियोजित शिक्षक नियोजन से संबंधित दस्तावेज की मांग की है। इससे संबंधित वाद में सुनवाई के दौरान आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि पंचायत सचिव ने शिक्षक नियोजन संबंधी संचिका आयोग के समक्ष न तो प्रस्तुत किया और न ही स्पष्टीकरण का जबाब दिया गया। बावजूद उन्हें निर्देशित किया गया कि वे अपने प्रभार प्रतिवेदन के क्रमांक 57 पर प्राप्त नियोजन संचिका में उपलब्ध कागजात के आधार पर आवेदक को सूचना प्रदान करते हुए आयोग को भी इसका जवाब दें कि आपके विरुद्ध धारा 20 (2) के तहत कार्रवाई क्यों न हो। इसलिए की 20 (1) के तहत अर्थदंड लगने के बाद भी आपने आयोग के निर्देश की अवहेलना की। 

तथ्य छिपाने पर सचिव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के लिए बीडीओ को अनुशंसा

जान बुझकर तथ्य छिपाने पर तीन महीने के अंदर सचिव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के लिए बीडीओ को अनुशंसा की है । बीडीओ सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि आयोग का पत्र प्राप्ति के बाद संबंधित पंचायत सचिव को अपना पक्ष रखने के लिए सूचना प्रेषित कर दी गई है ।

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