खेल रहे थे बच्‍चे तभी गांव में आ गई मौत की गाड़ी, नवादा में चार बच्‍चों की पलभर में चली गई जान

नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड के लेदहा गांव के चार परिवारों की खुशियां चंद मिनटों में छि‍न गई। चार बच्‍चों की मौत से गांव में मातम पसर गया। सोमवार की घटना से मंगलवार को भी मातम पसरा रहा। गांव वालों के चेहरे पर मायूसी पसरी हुई है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:55 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:55 AM (IST)
खेल रहे थे बच्‍चे तभी गांव में आ गई मौत की गाड़ी, नवादा में चार बच्‍चों की पलभर में चली गई जान
बच्‍चों की मौत के बाद विलाप करते स्‍वजन। जागरण

अकबरपुर (नवादा), संवाद सूत्र। प्रखंड के लेदहा गांव के चार परिवारों की खुशियां चंद मिनटों में छि‍न गई। चार बच्‍चों की मौत से गांव में मातम पसर गया। सोमवार की घटना से मंगलवार को भी मातम पसरा रहा। गांव वालों के चेहरे पर मायूसी पसरी हुई है। स्‍वजनों की आंखें रो-रोकर सूज गई हैं। किसी को अब भी यकीन नहीं हो रहा कि ऐसे भी मौत आती है। बच्‍चे तो खेल ही रहे थे, लेकिन काल ऐसे आ गई जिसकी किसी को उम्‍मीद नहीं थी। 

गांव में खेलते समय आई चुनाव प्रचार की गाड़ी 

जानकारी के अनुसार बच्चे गांव में खेल रहे थे। तभी पंचायत चुनाव का प्रचार वाहन गांव में आया। वाहन पर प्रचार संबंधित गाने बजता सुनकर बच्चे वाहन के पीछे लटक गए। लेकिन ड्राइवर ने इसपर ध्यान नहीं दिया। प्रचार वाहन का चालक भी कम उम्र का था। वह तेज गति से गाड़ी चला रहा था। गांव से कुछ दूर आगे बढ़ने पर उसका संतुलन बिगड़ गया और गाड़ी पलट गई। जिससे उसके पीछे लटके बच्चे दब गए। घटनास्‍थल पर ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद तो कोहराम मच गया। कुछ ही देर में स्‍वजनों के विलाप से माहौल गमगीन हो गया। 

माता-पिता पंजाब में, यहां बच्‍चे की हो गई मौत

मृतक सौरभ के चाचा ने बताया कि उसके माता-पिता पंजाब में रहकर प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। वह गोविंदपुर में प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करता था। सोमवार को उसे स्कूल भेजना था लेकिन तेज बारिश के कारण स्कूल नहीं पहुंचा पाए। यहां तो मौत उसका इंतजार कर रही थी। मौत की सूचना माता-पिता को दे दी गई है। मृतक सचिन के पिता नवल पंडित किसान हैं। वहीं राजा कुमार के पिता उपेंद्र रावत गोलगप्पा बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मृतक संतोष के पिता रामस्वारथ पासवान ट्रक चलाते हैं। वह उनका बड़ा बेटा था। एक साथ गांव के चार किशोरों की मौत के बाद स्वजनों का विलाप से माहौल गमगीन हो गया। उनके विलाप से गांव के अन्य लोग भी काफी गमगीन थे।

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