बेउर जेल से नामांकन कराने पहुंची मुखिया प्रत्याशी, आय से अधिक मामले में तीन वर्षों से है बंद

मुखिया पर आरोप लगाया गया था कि दस सालों तक मुखिया रहते दंपती ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। सरकार की विभिन्न योजनाओं में गड़बड़ी करते हुए संपत्ति अर्जित की गई है। मामले में हाईकोर्ट ने सीआइडी को जांच का निर्देश दिया था। आरोप सही पाए गए।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 05:01 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 05:01 PM (IST)
बेउर जेल से नामांकन कराने पहुंची मुखिया प्रत्याशी, आय से अधिक मामले में तीन वर्षों से है बंद
नवादा में बेउर जेल से नामांकन कराने पहुंची मुखिया

 संवाद सहयोगी, नवादा : पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ पटना के बेउर जेल में बंद सोनी देवी नामांकन कराने नवादा पहुंची। बंदी महिला ने सदर प्रखंड के पौरा पंचायत की मुखिया पद के लिए नामजदगी का पर्चा भरा। वह पूर्व में पौरा पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं। फिलहाल आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद है। मुखिया प्रत्याशी व उनके पति पप्पू यादव पिछले तीन सालों से जेल में बंद हैं। नवादा पहुंचने पर समर्थकों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया। 

26 सितंबर 2018 को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया था

जानकारी के अनुसार, पौरा गांव के ही फहीम बारी ने तत्कालीन मुखिया सोनी देवी व उनके पति पप्पू के खिलाफ सरकारी राशि गबन से संबंधित मामला हाईकोर्ट में दायर किया था। आरोप लगाया गया था कि दस सालों तक मुखिया रहते दंपती ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। सरकार की विभिन्न योजनाओं में गड़बड़ी करते हुए संपत्ति अर्जित की गई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने सीआइडी के एडीजी को जांच का निर्देश दिया था। एडीजी की जांच में सभी आरोप सही पाए गए थे। जिसके बाद 17 मार्च 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके आधार पर नवादा पुलिस ने 26 सितंबर 2018 को पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया था और विजिलेंस पटना को सौंप दिया था। उस वक्त से दोनों जेल में बंद हैं।

प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किए जाने के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं

 

बता दें कि इस मामले में अन्य 12 लोग भी शामिल हैं, जिसमें सरकारी कर्मी, परियोजना से संबंधित बैंक कर्मी, पौरा डाकघर के डाकपाल, पंचायत सेवक एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हैं। पुलिस इनके खिलाफ भी साक्ष्य इकट्ठा कर रही है। बहरहाल, एक बार मुखिया प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किए जाने के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

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