Aurangabad Election 2020ः औरंगाबाद सीट पर साख वापस पाने में जुटी भाजपा कांग्रेस के लिए सीट बचाने की चुनौती

Aurangabad Election News 2020 औरंगाबाद विधानसभा सीट पर अपनी खोई प्रतिष्‍ठा वापस पाने की कोशिश में भाजपा है। यहां कांग्रेस के लिए सीट बचाने की चुनौती है। वैसे नौ प्रत्‍याशी अखाड़े में हैं। यहां उत्‍तर कोयल नहर में पानी नहीं होना प्रमुख मुद़दा है।

By Bihar News NetworkEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 05:33 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:04 AM (IST)
Aurangabad Election 2020ः औरंगाबाद सीट पर साख वापस पाने में जुटी भाजपा कांग्रेस के लिए सीट बचाने की चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित प्रतीकात्‍मक कार्टून।

जेएनएन, औरंगाबाद। जिले के नाम वाले इस विधानसभा क्षेत्र से कुल नौ प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में डटे हैं। वर्तमान को दूसरी पारी दोहराने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। तो पूर्व विधायक के लिए खुद को पुनस्र्थापित करने की बड़ी चुनौती है। दरअसल एनडीए से भाजपा के पूर्व मंत्री रामाधार सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं महागठबंधन से कांग्रेस के वर्तमान विधायक आनंद शंकर सिंह दूसरी पारी के लिए कमर कसे हुए हैं। दोनों के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। बसपा से अनिल यादव समेत कुछ और दलों के समर्थित व निर्दलीय उम्मीदवार भी मुकाबले में हैं। बेशक, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों बड़े घटक दलों के प्रत्याशियों को आंतरिक कलह से बचना भी एक बड़ी चुनौती होगी। यहां सिंचाई के लिए उत्तर कोयल नहर में पानी नहीं होना और मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रमुख मुद्दा है।

2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शंकर सिंह ने बीजेपी के रामधार सिंह को मात दी थी। करीब 18 हजार मतों से रामाधार सिंह शिकस्त खा गए थे। वहीं 2010 के चुनाव में रामाधार सिंह ने राजद के सुनील कुमार सिंह को हराया था।

प्रियव्रत नारायण बने थे पहले विधायक

औरंगाबाद विधानसभा सीट के लिए 1951 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रियव्रत नारायण सिन्हा ने चुनाव जीता। अगले चुनाव में भी वही विधायक बनने में कामयाब रहे। इसके बाद 1962 में बृजमोहन सिंह ने एसडब्लूए प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस का विजय रथ रोक दिया। लेकिन अगले चुनावों में लगातार दो बार 1967 और 1969 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सरयू सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे। बृजमोहन सिंह ने 1972 में यह सीट वापस पा ली। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में 1990 में बृजमोहन सिंह जीते। उसके बाद से कांग्रेस का यहां खाता नहीं खुला है।

अब तक रहे विधायक

1951 प्रियव्रत नारायण सिन्हा कांग्रेस

1957 प्रियव्रत नारायण सिन्हा कांग्रेस

1962 बृजमोहन सिंह एसडब्लूए

1967 सरयू सिंह पीएसपी

1969 सरयू सिंह पीएसपी

1972 बृजमोहन सिंह एनसीओ

1977 रामनरेश सिंह कांग्रेस

1980 रामनरेश सिंह निर्दलीय

1985 में बृजमोहन सिंह कांग्रेस

1990 बृज मोहन सिंह कांग्रेस

1995 रामधार सिंह भाजपा

2000 सुरेश मेहता आरजेडी

2005 (फरवरी) रामधार सिंह भाजपा

2005 (अक्टूबर) रामधार सिंह भाजपा

2010 रामधार सिंह भाजपा

2015 आनंद शंकर सिंह कांग्रेस

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