तीनों कृषि कानूनों को वापस ले केंद्र सरकार, वरना यह खेत-खेती और किसानी को बना देगा गुलाम

औरंगाबाद के दाउदनगर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष अखिल भारतीय किसान महासभा एवं अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा की ओर से अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को भी जारी है। तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दिया जा रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 09:33 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:33 AM (IST)
तीनों कृषि कानूनों को वापस ले केंद्र सरकार, वरना यह खेत-खेती और किसानी को बना देगा गुलाम
धरना सभा में बोलते अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह। जागरण

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा है कि हमारा देश भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि को उद्योग का दर्जा देकर विकसित करने के बजाय खेत-खेती और किसानी को गुलाम बना देने वाला कानून संसद ने बनाया है। इसे खत्‍म करना चाहिए। इसे हम स्‍वीकार नहीं करेंगे। उन्‍होंने अनुमंडल कार्यालय के समीप चल रहे धरना सभा में ये बाते कहीं। भाकपा माले के अनिश्चितकालीन धरना के छठे दिन शनिवार को आंदोलनकारियों ने आवाज बुलंद की।

किसानों का छिन जाएगा अधिकार

मुख्यवक्ता के रूप में राजाराम सिंह ने कहा कि किसान-मजदूर विरोधी तीन काले कानून के भय से पूरा भारतीय जनमानस भयाक्रांत है। इस कानून से किसानों का अधिकार छिनने की पूरी संभावना है। किसानों के लिए बाजार और जमीन की सुरक्षा पर हमला है। लागत व सेवाओं के दाम बढेंगे, उपज का दाम घटेगा। किसानों पर कर्ज बढ़ेगा और राशन व्यवस्था भंग होगी। खाने वाली वस्तुओं के दाम बढेगें, भूख व भुखमरी बढ़ेगी। दिल्ली में 50 दिनों से किसान कड़ाके की ठंड में तीनों कृषि कानून के खिलाफ में धरने पर बैठे हुए हैं । अब तक 121 किसान धरने पर शहीद हो गए। इससे विश्‍व पटल पर भारत शर्मसार हो रहा है। कहा कि हम धरना के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि किसान -मजदूर विरोधी तीनों कानून वापस लें।  बिजली बिल 2020 वापस लिया जाय। शहीद किसानों के आश्रित परिवारों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा व एक-एक सदस्‍य को नौकरी दी जाए। इंद्रपुरी जलाशय योजना को पूर्ण करने की मांग की गई।

तीनों कानून वापस लेने की मांग

माले नगर सचिव सह मीडिया प्रभारी ने बताया कि अखिल भारतीय किसान महासभा एवं अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा की ओर से किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दिया जा रहा है। अनुमण्डल मुख्यालय के समक्ष अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा। किसान नेता दुधेश्‍वर मेहता ने अध्यक्षता की। महेन्द्र राम ने संचालन किया। माले प्रखण्ड सचिव चन्द्रमा पासवान, किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद जनार्दन प्रसाद सिंह, सत्येंद्र सिंह, धर्मेंद्र कुमार, मदन प्रजापत, सुदामा सिंह, राम अयोध्या पाण्डे, दुखन राम आदि ने भी विचार रखे। माले जिला सचिव मुनारिक राम, बामदेव सिंह, असलम हुसैन, रूना देवी अलकारी देवी रीता देवी, शांति देवी बसंती देवी, कबूतरी देवी सुभाष मेहता, अजय मेहता, सत्यनारायण यादव, राजेन्द्र यादव, मो सलीम, महफूज आरिफ, नरेंद्र कुमार रामजनम पासवान, शकलदेव चौधरी, आदि किसान मजदूर उपस्थित रहे।

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