धार्मिक स्थल की परिसंपत्तियां राष्ट्र की, इनका संरक्षण जरूरी: मंत्री

गया मंदिर-मठों की परिसंपत्तियों को लेकर होने वाले विवाद के मसलों के समाधान को लेकर सरकार गंभीर है। मंदिरों मठों एवं अन्य धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 11:15 PM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 11:15 PM (IST)
धार्मिक स्थल की परिसंपत्तियां राष्ट्र की, इनका संरक्षण जरूरी: मंत्री
धार्मिक स्थल की परिसंपत्तियां राष्ट्र की, इनका संरक्षण जरूरी: मंत्री

गया: मंदिर-मठों की परिसंपत्तियों को लेकर होने वाले विवाद के मसलों के समाधान को लेकर सरकार गंभीर है। मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा प्रपत्र तैयार किया गया है। जिसमें परिसंपत्तियों की भूमि की पूरी विवरणी की इंट्री की जाएगी। उक्त बातें सूबे के गन्ना उद्योग व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने शनिवार को गया में कही। कलेक्ट्रेट में प्रमंडल स्तरीय बैठक करते हुए कहा कि सभी धार्मिक स्थलों की परिसंपत्ति /भूमि जो भी है, वह राष्ट्र की संपत्ति है। इसका संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है। अपने राज्य के धार्मिक स्थलों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। विधायकों, विधान पार्षदों से अनुरोध किया कि अगर क्षेत्र में कोई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनकी भूमि एवं परिसंपत्तियों का संरक्षण आवश्यक है तो उसकी सूची जिलाधिकारी को उपलब्ध करावें। इससे पहले मगध प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने मंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष हैं।

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जिलों के डीएम एक माह के अंदर करवाएं सर्वेक्षण

-मंत्री ने प्रमंडल के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि एक माह के अंदर अपने जिला अंतर्गत सभी संबंधित मंदिरों, मठों, धार्मिक स्थलों की भूमि तथा परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण कराना सुनिश्चित करें। अपने जिला के पोर्टल पर इंट्री कराने को कहा। ताकि आमजन एवं विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक भी अपने राज्य के धार्मिक स्थलों के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। अपनी संस्कृति के महत्व को समझ सकेंगे।

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पैकेजिग

धर्म स्थल की जमीन व संपत्ति को बेचने का हक पुजारी-महंथ को नहीं: एके जैन

जासं, गया: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष एके जैन ने बताया कि इसे लेकर 1950 में अधिनियम पारित किया गया था। इसे साल 2021 में परिणाम स्तर तक पहुंचने की संभावना है। राज्य में स्थित किसी भी मंदिर, मठ, धर्मशाला, धार्मिक स्थल, कबीर मठ सहित अन्य की परिसंपत्ति को बेचने एवं स्थानांतरित करने का अधिकार मंदिर के पुजारियों, सेवादारों, महंथ किसी को भी नहीं है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद की अनुमति आवश्यक है।

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बोले डीएम: बोधगया मठ के लिए गठित की समिति, सौंपी गई है 188 की सूची

- जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि गया जिले में मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक स्थलों के परिसंपत्तियों की देखरेख के लिए एक कोषांग का गठन किया जाएगा। बोधगया मठ के लिए एक समिति का गठन हुआ है। जिले में मठ, मंदिरों, धार्मिक स्थलों के संस्कृति एवं धार्मिक महत्व तथा उनकी परिसंपत्तियों के संबंध में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी। गया जिले में लगभग 188 मठों, मंदिरों की सूची धार्मिक न्यास बोर्ड पर्षद में चिन्हित की गई है। जहानाबाद के डीएम ने कहा कि 94 मठों, मंदिरों की सूची धार्मिक न्यास बोर्ड परिषद ने चिन्हित किए हैं। नवादा के डीएम ने कहा कि लगभग 50 मठों, मंदिरों की सूची परिषद ने चिन्हित किए हैं। अरवल के डीएम ने कहा कि 50 मठों मंदिरों की सूची चिन्हित किए हैं।

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बोधगया मठ के सुंदरीकरण के लिए राशि दिलाएं

-गुरुआ विधायक विनय कुमार ने बैजुनाथ धाम के मठ की जमीन को सुंदरीकरण कराने का अनुरोध किया। बोधगया के विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि बोधगया मठ के सुंदरीकरण के लिए जिलाधिकारी को राशि दी जाए ताकि इसे संरक्षित किया जा सके। भगवान बुद्ध की मंदिर (बीटीएमसी) की तरह इसे संरक्षित एवं सुव्यवस्थित कराई जाए।

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