नए सत्र में छात्रों की पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए शिक्षकों को कड़ी मेहनत करने की चुनौती

कोरोना संकट के दौर में अगर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। तो वह है शिक्षा विभाग। बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को पुन पटरी पर लाने में विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। नए सत्र में छात्रों की छूटी में पढ़ाई को पूरा कराने के लिए शिक्षकों को कड़ी मेहनत करनी होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 05:42 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 05:42 PM (IST)
नए सत्र में छात्रों की पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए शिक्षकों को कड़ी मेहनत करने की चुनौती
मो. मुस्तफा हुसैन मंसुरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया

सुभाष कुमार, गया : कोरोना संकट काल की दौर में अगर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। तो वह है शिक्षा विभाग। बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने में विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। नए सत्र में छात्रों की छूटी में पढ़ाई को पूरा कराने के लिए शिक्षकों को कड़ी मेहनत करनी होगी। इस चुनौती को शिक्षा विभाग कैसे फतह करेगा। इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मो.मुस्तफा हुसैन मंसुरी से दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत का प्रमुख अंश इस प्रकार है।

प्रश्न : बीते वर्ष 2020 शिक्षा के लिए चुनौती भरा वर्ष रहा। कोरोना संकट से शिक्षा प्रभावित रही। इससे निपटने के लिए 2021 में क्या तैयारी की गई है?

उतर- कोरोना संकट के बाद जिले में स्थित सभी विद्यालयों में एसओपी का पालन कर 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। स्कूलों में पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से संचालन हेतु दूरदर्शन एवं ऑनलाइन यूट््यूब चैनल के द्वारा विद्यार्थियों की कक्षाएं चलाई गई। अब एक्चुअल क्लास के द्वारा विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू की गई है।

प्रश्न : सरकारी विद्यालयों में सरकार की चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन में क्या-क्या दिक्कतें होती है?

उतर-सरकारी विद्यालयो में योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु अब किसी प्रकार की कोई समस्याएं उत्पन्न नहीं होती है। डीबीटी के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में सीधे राशि पहुंच जाती है। विद्यार्थियों की प्रोत्साहन एवं छात्रवृत्ति की राशि के लिए स्कूलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। उन्हें बैंकों के द्वारा सुगमता पूर्वक राशि मिल जाती है।

प्रश्न: शिक्षा व्यवस्था को सुचारू ढंग से पटरी पर लाने में कौन से कारक बाधक हैं?

उतर- पिछले वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में गया जिले को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। स्कूलों में बच्चों के लिए फिट इंडिया के तहत खेलकूद सामग्री और कक्षा एक से बारहवीं तक शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु गुणात्मक परिवर्तन की जा रहे हैं। प्रत्येक शनिवार को सड़क सुरक्षा के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। कोरोना की वजह से बंद पड़े मध्यान भोजन का लाभ लाभुकों को अनाज के तौर पर मिल रहा है।

प्रश्न- स्कूलों के भवन पर सरकार की क्या कार्य योजना है और कितने स्कूलों में नए भवन का निर्माण हो चुका है ?

उत्तर:जिले के सभी हाई स्कूलों को उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित कर दिया गया है।शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से स्कूल भवन का निर्माण कर विद्यालय के प्रधान को अधिकृत कर दिया गया है। जहां पढ़ाई चल रही है।

प्रश्न: कोरोना से बचाव एवं स्वच्छता के प्रति स्कूलों में क्या ध्यान रखा जा रहा है ?

उतर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव एवं स्वच्छता के प्रति स्कूलों को सैनिटाइज कर खोला गया है।वहां बच्चों को मास्क पहनना, सैनिटाइजर की व्यवस्था,छह फीट की दूरी बनाए रखना प्रभावी तरीके से है।

प्रश्न- स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए क्या-क्या तैयारी चल रही है ?

उतर- बीते वर्ष सितंबर माह में स्कूलों में नामांकन पखवारा का आयोजन किया गया था। जिसमें लॉकडाउन के दौरान प्रवासी बिहारियों के पंद्रह सौ बच्चों का नामांकन कराया गया था। वहीं विशेष अभियान चलाकर बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ा गया है।

प्रश्न: मैट्रिक परीक्षा में सेंटअप हुए विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन की क्या व्यवस्था है ?

उतर-बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश पर जिले में गया गाइडेंस के तहत विभिन्न विषयों के अनुभवी शिक्षकों द्वारा यूट््यूब फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से मैट्रिक के विद्यार्थियों का कोर्स वर्क पूरा कराया जा रहा है। जिससे मैट्रिक के परीक्षार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रश्न : जिले में कितने मध्य विद्यालयोंं को उत्क्रमित कर उच्च माध्यमिक विद्यालयो में बदला गया है ?

उतर-जिले के 107 पंचायतों में स्थित मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में तब्दील किया गया है। इससे जिले में उच्च विद्यालयों की संख्या बढ़ी है। इससे विद्यार्थियों को दसवीं तक शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी। आसपास के बच्चे को लंबी दूरी क्या करना नहीं पड़ेगी, उन्हें गांव के बगल में ही हाई स्कूल स्तर तक की शिक्षा प्राप्त होगी।

प्रश्न : स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर सरकार की क्या- कार्य योजना है कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार किए जाए ?

उतर-शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन के लिए शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या है। इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह से संकल्पित है। जिले के 17 प्रखंडों में नियोजन इकाई के माध्यम से नियोजन की प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा विभाग से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगामी कुछ महिनों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पद भरे जाएंगे। 

प्रश्न :गणतंत्र दिवस पर स्कूलों में क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित होंगे ?

उतर- जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए झंडोत्तोलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें स्कूली छात्राएं मास्क एवं शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए झंडोत्तोलन स्थल पर राष्ट्रगान करेंगी।

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