हिदी शिक्षकों का दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला प्रारंभ

डीएवी शैक्षणिक उत्कृष्टता केंद्र बिहार जोन (ई) पटना के तत्वावधान में गुरुवार को दो दिवसीय क्षमता संवर्धन पर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्रीय निदेशक डा. विष्णु शंकर ओझा द्वारा आयोजित हिदी शिक्षकों के लिए क्षमता संवर्धन कार्यशाला में विशेषकर हिदी विषय के शिक्षक भाग ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:53 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:53 PM (IST)
हिदी शिक्षकों का दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला प्रारंभ
हिदी शिक्षकों का दो दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला प्रारंभ

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। डीएवी शैक्षणिक उत्कृष्टता केंद्र बिहार जोन (ई) पटना के तत्वावधान में गुरुवार को दो दिवसीय क्षमता संवर्धन पर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्रीय निदेशक डा. विष्णु शंकर ओझा द्वारा आयोजित हिदी शिक्षकों के लिए क्षमता संवर्धन कार्यशाला में विशेषकर हिदी विषय के शिक्षक भाग ले रहे हैं। उदघाटन प्राचार्य डा. विरेंद्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर के किया।

प्राचार्य ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना एवं शिक्षण के नए तकनीक से अवगत होने से शिक्षक अपने विषय को मनोरंजक एवं रुचिकर बना कर छात्रों को सुगमता के साथ शिक्षक पढ़ा सकते हैं। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष सभी विषयों की कार्यशाला आयोजित की जाती है। उद्दघाटन सत्र की शुरूआत आचार्य रविद्र कुमार शुक्ल के मंत्रोच्चार व स्वस्तिवाचन से हुआ। विद्यालय के मीडिया प्रभारी रविभूषण पांडेय ने बताया कि 29 एवं 30 जुलाई तक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। पहले दिन की कार्यशाला को शिक्षिका मंजू कुमारी ने संचालित करते हुए प्रतिभागियों के संक्षिप्त परिचय कराया तथा वर्तमान समय में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। वरीय हिदी शिक्षिका ज्योति जैन ने वर्तमान समय में छात्रों में वाचन कौशल के प्रति रुझान के बारे में विस्तृत रूप से बताया। जबकि आनलाइन पढ़ाई में शिक्षकों की चुनौतियां और इसे रुचिकर बनाने की युक्तियों के बारे में माया दुबे ने बताया। वहीं डा. अभय सिन्हा ने व्याकरण, विसर्ग,रुचि और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आइटी शिक्षक बलिद्र कुमार, बीरेन्द्र कुमार, ओम प्रकाश व प्रेम कुमार की देखरेख में कार्यशाला आयचोजित की जा रही है। जिसमें बिहार ई जोन से 26 शिक्षक भाग ले रहे हैं। कार्यशाला को सफल बनाने में शैक्षणिक पर्यवेक्षक डा. नीरज नवल बिहारी, मंजूबाला, रूबी कुमारी, रामप्यारे सिंह एवं रश्मि सिन्हा द्वारा मुख्य रूप से सहयोग किया जा रहा है।

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