कैमूर में सरकारी चापाकलों का कराया जा रहा सर्वे, गर्मी में पहाड़ी इलाके के लोगों को नहीं होगी पानी की किल्‍लत

कैमूर के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में चापाकलों का भौतिक सत्यापन सत्‍यापन किया जा रहा है। गर्मी में पेयजल संकट दूर करने की दिशा में यह कवायद शुरू की गई है। डीएम के निर्देश पर सत्‍यापन का कार्य किया जा रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:32 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:32 AM (IST)
कैमूर में सरकारी चापाकलों का कराया जा रहा सर्वे, गर्मी में पहाड़ी इलाके के लोगों को नहीं होगी पानी की किल्‍लत
सरकारी चापाकलों की कराई जाएगी मरम्‍मत। प्रतीकात्‍मक फोटो

संवाद सूत्र, चैनपुर (कैमूर)। प्रखंड क्षेत्र की सभी पंचायतों में लगाए गए सरकारी चापाकलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। डीएम के निर्देश पर यह सत्‍यापन किया जा रहा है ताकि गर्मी के समय जल संकट की समस्‍या नहीं हो। पहाड़ी क्षेत्र में गर्मी के दिनों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

जहां होगी जरूरत वहां गड़वाए जाएंगे नए चापाकल

चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने बताया कि जिला पदाधिकारी से प्राप्त हुए पत्र के आधार पर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी मद से लगाए गए सभी चापाकलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। इसके लिए प्रखंड के सभी विकास मित्रों को लगाया गया है। उन्‍हें तीन दिनों में चापकलों की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट प्रखंड कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर जहां जहां चापाकल खराब पड़े हैं उनकी मरम्मत कराई जाएगी। वैसे स्थल जहां के चापाकल मरम्मत की स्थिति में नहीं है उस स्थल पर नए चापाकल गड़वाए जाएंगे।भौतिक सत्यापन का मुख्य उद्देश्य यह है कि गर्मी आने के पूर्व सभी चापाकलों को दुरुस्त कर लिया जाए ताकि गर्मी में कहीं भी किसी भी पंचायत में पानी की किल्लत ना हो। जांच रिपोर्ट आने के बाद जांच रिपोर्ट की सूची पीएचइडी को सौंपी जाएगी। विकास मित्रों की देखरेख में चापाकलों की मरम्मत कराई जाएगी।

गर्मी में काफी दूर से लाना पड़ता है पानी

बता दें कि चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के वैसे पहाड़ी क्षेत्र जहां जलस्तर 200 से 300 फीट नीचे है उन स्थलों पर पीएचईडी के माध्यम से लगवाए गए हैंडपंप ही गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए एकमात्र सहारा होते हैं। लेकिन चापाकल खराब होने की स्थिति में वहां के ग्रामीणों को कफी दूर से पीने के लिए पानी लाना पड़ता है। गर्मी के पूर्व अगर उन चापाकलों को दुरुस्त करा लिया जाता हैं तो उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों को गर्मी के दिनों में पानी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

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