सेविका बहाली में गड़बड़ी के आरोप में पर्यवेक्षिका बर्खास्त
औरंगाबाद। हसपुरा प्रखंड में संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका गीता कुमारी को डीएम सौरभ जोरवाल ने बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त पर्यवेक्षिका पर नवीनगर प्रखंड में पदस्थापन के समय आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में गड़बड़ी करने का आरोप है।
औरंगाबाद। हसपुरा प्रखंड में संविदा पर कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका गीता कुमारी को डीएम सौरभ जोरवाल ने बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त पर्यवेक्षिका पर नवीनगर प्रखंड में पदस्थापन के समय आंगनबाड़ी सेविका की बहाली में गड़बड़ी करने का आरोप है।
समाहरणालय में हुई बैठक में सूचना जन संपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि नबीनगर के गोमदाही आंगबाड़ी केंद्र पर सेविका व सहायिका के पद पर चयन के लिए दो अभ्यर्थियों का आवेदन प्राप्त किया गया था। चयन नियमावली 2016 के आलोक में विधवा अभ्यर्थी को प्राथमिकता देना था। आवेदिका मिता कुमारी को इसी आधार पर चयन किया गया था। परंतु सेविका के चयन की कार्यवाही के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा हंगामा कर दिया गया था। इसी बीच गीता कुमारी महिला पर्यवेक्षिका अपनी मां की तबीयत खराब होने की बहाना बनाकर चयन समिति की बैठक से उठ कर चली निकल गईं थी।
महिला पर्यवेक्षिका द्वारा चयन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया गया था परंतु कार्यवाही पंजी पर हस्ताक्षर नहीं किया गया था। कार्यवाही पंजी पर समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर होने के बाद ही चयन पत्र पर हस्ताक्षर किया जाता है जो इनके द्वारा नहीं किया गया था। सेविका चयन से संबंधित अपील डीपीओ आइसीडीएस के समक्ष दायर किया गया था। चयन प्रक्रिया को संदिग्ध पाए जाने पर उनके द्वारा नए सिरे से चयन करने का आदेश पारित किया गया था। डीपीआरओ ने बताया कि चयन प्रक्रिया पूर्ण हुए एवं कार्यवाही पंजी पर अध्यक्ष एवं चयन समिति के अन्य सदस्यों का हस्ताक्षर हुए बिना पहले से चयन पत्र तैयार रखना महिला पर्यवेक्षिका की लापरवाही को दर्शाता है। गोमदाही गांव निवासी विपिन पासवान की पत्नी मिता देवी के द्वारा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के विरुद्ध सहायिका के पद पर चयन होने एवं आमसभा में चयन होने के बावजूद उनका चयन रद कर नए सिरे से चयन पत्र निकाले जाने से संबंधित परिवाद पत्र के आलोक में डीएम के द्वारा अपर समाहर्ता से जांच कराई गई थी। जांच में यह पाया गया कि महिला पर्यवेक्षिका द्वारा चयन के उपरांत चयन पत्र निर्गत किया गया परंतु आम सभा के कार्यवाही पंजी पर हस्ताक्षर नहीं किया गया था। इसी प्रकार सेविका के पद पर चयन के दौरान लापरवाही बरती गई जो इनके द्वारा किए गए अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही का द्योतक है। अंतिम निर्णय लिया गया कि चूंकि महिला पर्यवेक्षिका संविदा पर नियुक्त हैं एवं संविदा पर नियुक्त पर्यवेक्षिका पर नियमानुसार विभागीय कार्यवाही नहीं चलाई जाती है। जिलाधिकारी दंड अधिरोपित करने हेतु सक्षम प्राधिकार हैं। इसी नियम के तहत डीएम ने महिला पर्यवेक्षिका को बर्खास्त किया है।