बीपीएससी में सफल सनी दयाल का गया में भव्य स्वागत, बैंड बाजे के साथ स्वागत करते घर ले गए लोग
बिहार लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफल गया जिले के खिजरसराय प्रखंड के सनी दयाल का गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। बैंड बाजे के साथ मुख्य सड़क से गांव तक उन्हें ले जाया गया। इस दौरान उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया।
खिजरसराय (गया), संवाद सूत्र। बीपीएससी की परीक्षा में इस बार कई मेधावी छात्रों ने परचम लहराया है। ऐसे ही एक हैं सनी दयाल। गया जिले के खिजरसराय प्रखंड के पचमहला गांव के सनी दयाल का रविवार को गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने मुख्य सड़क पर उतरते ही फूल मालाओं से लाद दिया। बैंड बाजे के साथ घर ले गए। घर जाने से पूर्व सनी दयाल ने गांव के कई मंदिरों में माथा टेका। घर पर उन्हें बधाई देने के लिए सैकड़ों लोग उपस्थित थे। घर पहुंचते ही उनकी मां एवं बहन के अलावा अन्य महिला सदस्यों ने आरती उतार कर उनका स्वागत किया एवं मुंह मीठा कराया। इस अवसर पर उनके पिता प्रेमन पासवान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज सनी दयाल अपने परिवार गांव एवं प्रखंड का नाम रौशन किया है। कहा कि उनकी सफलता से युवाओं का मार्गदर्शन हुआ है। उन्हें प्रेरणा मिली है कि ठान लें तो सफलता निश्चित है।
16 केंद्रों पर हुई यूपीएससी की परीक्षा
गया जिले के 16 परीक्षा केंद्रों पर संघ लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को प्रारंभिक परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। इस दौरान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट तथा पदाधिकारी को ड्यूटी पर लगाए गए थे। टी माडल इंटर स्कूल,जीबी रोड,अनुग्रह मेमोरियल कालेज,अनुग्रह कन्या उच्च विद्यालय, ग्रीन फील्ड इंग्लिश स्कूल, फतेहपुर रोड, क्रेन मेमोरियल हाई स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल, कैंट एरिया समेत अन्य केंद्रों पर चेकिंग अभ्यर्थियों की गहन जांच की गई। पहली पाली सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े 11 बजे तक हुई। इसमें 6702 में से 2826 अभ्यर्थी शामिल हुए। दूसरी पाली दोपहर बाद ढ़ाई बजे से साढ़े चार बजे तक चली। इसमें 6702 अभ्यर्थियों में से 2851 अभ्यर्थी ही पहुंचे। परीक्षा स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त संचालन को लेकर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के दिशा-निर्देशन के अनुसार सभी परीक्षार्थी का प्रवेश द्वार पर पुलिस बल के सहयोग से गहन जांच कर प्रवेश कराई गई। इसके अलावा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी परीक्षा को शांतिपूर्ण कराने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी।