महिला अपराध के खिलाफ सख्त रविरंजना को अपनी वर्दी पर है नाज
गया। स्कूल समय से ही पुलिस सेवा से जुड़ने की ललक रही। खाकी वर्दी बहुत पसंद थी। चार बहनों में सबसे बड़ी रविरंजना आज गया में महिला थानाध्यक्ष के पद पर हैं। घर-परिवार की जिम्मेवारियों के साथ अपनी ड्यूटी निभाती हैं। महिला अपराध से जुड़े मामलों के निपटारे में इनकी सख्ती देखते बनती है।
विनय कुमार पांडेय, गया। स्कूल समय से ही पुलिस सेवा से जुड़ने की ललक रही। खाकी वर्दी बहुत पसंद थी। चार बहनों में सबसे बड़ी रविरंजना आज गया में महिला थानाध्यक्ष के पद पर हैं। घर-परिवार की जिम्मेवारियों के साथ अपनी ड्यूटी निभाती हैं। महिला अपराध से जुड़े मामलों के निपटारे में इनकी सख्ती देखते बनती है। अभी हाल ही में फतेहपुर की चर्चित नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपित को पकड़कर जेल तक पहुंचाया। पिछले साल लाकडाउन में चंदौती थाना के पास वाहन जांच कर रही थीं। तभी बिना हेलमेट के रहे एक शख्स ने इनके साथ बदतमीजी की। तब रविरंजना ने पूरी सख्ती से उसका जवाब दिया। उस शख्स को न सिर्फ हाजत में लाकर बंद किया, बल्कि उसे न्यायिक हिरासत में भी पहुंचाया। यह घटना तब सुर्खियों में रही। वह कहती हैं कि घटना कैसी भी हो, उसमें जांच से लेकर आरोपित को पकड़ने में वह कभी नहीं हिचकती। ----------------
आरोपित को पकड़ने के लिए फांद गई थीं छत, चोटिल हुईं पर अडिग रहीं -साल 2018 में पटना के फुलवारीशरीफ थाना में कार्यरत थीं। एक पाक्सो केस में पुलिस की ओर से मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपित को न्यायालय से फांसी की सजा सुनाने में अपनी ड्यूटी निभाईं। पटना के राजीव नगर थाना में एक बड़े केस में आरोपितों की धर-पकड़ को बनी विशेष टीम में वह शामिल थीं। छापेमारी के दौरान रविरंजना ने बहादुरी का परिचय देते हुए पुरानी छत को फांदकर आरोपित को धर दबोचा। इस दौरान इनका हाथ में चोट लगी थी। बावजूद ड्यूटी में सफल होने की सुकून थी। भोजपुर की रविरंजना ने कहा, परिवार में पिताजी ने हमेशा हौसला बढ़ाया। स्नातक के बाद बेहतर मार्गदर्शक के रूप में उनके पति राजीव रंजन का बहुत सहयोग मिला।
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ड्यूटी में सफल होने का भरोसा दिलाती है मेरी वर्दी
- रविरंजना कहती हैं, पुलिस की वर्दी काम में सफल होने का भरोसा दिलाती है। समाज में बेटियों व महिलाओं से अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान करती हैं। कहतीं हैं, अपराध कैसा भी हो, डरे नहीं। मुखर होकर अपनी बातें रखें। बेटियों को नैतिक शिक्षा देने पर जोर देती हैं। घरेलू परिवारिक मसलों का भी सहजता से वह निपटारा करती हैं।