Weather Forecast: सबसे घने कुहासे के साथ हुआ दिन का आगाज, वाहनों के परिचालन पर असर
इस सीजन के सबसे घने कुहासे से लोगों का सामना बुधवार को हुआ। दृश्यता दस मीटर भी नहीं थी। इसका सबसे ज्यादा असर वाहनों के परिचालन पर पड़ा। गाड़ियां रेंगती हुई चल रही हैं। जीटी रोड समेत अन्य एनएच का यही हाल है।
जासं, नवादा। मकर संक्रांति के बाद एक बार फिर मौसम सर्द हो गया है। कनकनी काफी बढ़ गई है। सर्द हवाओं के थपेड़े की वजह से ठंड और कष्टदायी हो गई है। कुहासा इतना अधिक रह रहा है कि हाथ को हाथ नहीं सूझता। गया और आसपास के जिले कुहासे के गहरे आगोश में हैं। नवादा में शहर से लेकर गांव तक कुहासे का साम्राज्य है। दृश्यता काफी कम रही। सड़कों पर इक्के-दुक्के वाहन ही दिखे।
बुधवार की सुबह इस सीजन में अबतक के सबसे घने कोहरे से लोगों का सामना हुआ। दस मीटर की दूरी के बाद कुछ दिखना मुश्किल हो रहा था। हालांकि, कुहासा के कारण ठंड में थोड़ी कमी देखी गई। घने कोहरे का सबसे ज्यादा असर वाहनों के परिचालन पर ही दिखा। पटना-रांची राजमार्ग 31 और राजगीर-बोधगया राजमार्ग 82 पर गाड़ियां रेंगती रहीं। हालांकि, इस कोहरे से किसान वर्ग खुश है। रबी फसल के लिए यह फायदेमंद साबित हो सकता है। इधर प्रशासन ने कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है। इस कारण गरीबों को काफी समस्या हो रही है।
गया में सुबह में घना कोहरा छाया रहा। कनकनी तो हाड़ कंपाने वाली थी। देर से लोगों ने अपनी दिनचर्या शुरू की। लोगों का कहना है कि जबतक तापमान बढ़ेगा नहीं तबतक राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। ठंड के कारण सबसे ज्यादा मुसीबत दैनिक मजदूरों की हो गई है। एक तो उन्हें काम नहीं मिल रहा। दूसरा काम करना भी मुश्किल है।
हालांकि नवादा के पड़ोसी औरंगाबाद जिले में कुहासा कम रहा। ठंड में भी कमी आई है। सुबह में सूर्य के दर्शन होने से लोगों को राहत मिली है। हालांकि धूप में वह तपिश नहीं है। बाजार में भी लोगों की आवाजाही रही। जीटी रोड पर वाहनों की रफ्तार कल की तुलना में तेज रही। हालांकि ठंड अभी इतनी कम नहीं हुई कि जनजीवन सामान्य हो सके।