मेरे थाने में स्‍पीड गन.... कुछ ऐसे रिएक्‍ट किया औरंगाबाद के थानेदार ने, जबकि तीन माह पहले मिली

पुलिस को स्पीड गन तो मिली लेकिन वे स्‍टोर गन बनकर थाने में रखी हुई है। एक मुफस्सिल सर्किल व दूसरी स्‍पीड गन मदनपुर थाने को दी गई थी। लेकिन तीन महीने बाद भी इनका उपयोग शुरू नहीं हो सका है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:23 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:23 AM (IST)
मेरे थाने में स्‍पीड गन.... कुछ ऐसे रिएक्‍ट किया औरंगाबाद के थानेदार ने, जबकि तीन माह पहले मिली
स्‍पीड गन का औरंगाबाद में नहीं हो रहा उपयोग। संकेतात्‍मक फोटो

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। जिले में जीटी रोड पर वाहन दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने दो स्पीड गन (Speed Gun) जिले की पुलिस को दी गई थी। अप्रैल माह में पुलिस लाइन को दोनों स्पीड गन दी गई। उनमें से एक मुफस्सिल सर्किल एवं दूसरा मदनपुर थाने की पुलिस को सौंपी गई थी। लेकिन तीन माह बीत गए दोनों स्पीड गन का उपयोग न तो मुफस्सिल सर्किल में हो सका और न मदनपुर थाने में। हद तो यह कि जब मदनपुर थानाध्यक्ष आनंद कुमार से स्पीड गन के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि उन्हें नहीं मालूम है कि उनके थाना में स्पीड गन है। पुलिस लाइन से बताया गया कि एक स्पीडगन को मदनपुर थाना में दिया गया है। मुफस्सिल सर्किल इंस्पेक्टर एसबी शरण ने बताया कि सर्किल को इसकी जरूरत नहीं है। मुफस्सिल थाना को इसे दे दिया जाएगा। 

लगातार हो रहे हादसे के बावजूद उपयोग नहीं 

लाखों रुपये की स्पीड गन आज मुफस्सिल सर्किल एवं मदनपुर थाना में बेकार पड़ी है। अब सवाल उठता है कि लाखों रुपये की स्पीड गन आज मुफस्सिल सर्किल एवं मदनपुर थाना में बेकार पड़ा है। दोनों स्पीड गन कहां और किस स्थिति में है यह तो जब उपयोग में कमरे से बाहर आएगा तभी पता चलेगा। अब स्पीड गन मिलेगा कि नहीं यह कहना भी मुश्किल है। जीटी रोड पर सड़क दुर्घटना को देखें तो मदनपुर, मुफस्सिल एवं बारुण थाना क्षेत्र में लगातार हो रही है। वाहनों की तेज रफ्तार से अधिकांश सड़क हादसे हो रहे हैं। मई माह का आंकड़ा देखे तो तीनों थाना क्षेत्र में करीब 30 से अधिक सड़क दुर्घटना हुई है। करीब आठ लोगों की मौत हुई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं।

वाहनों की रफ्तार पर लगाम के लिए दी गई थी स्‍पीड गन

स्पीड गन का उपयोग पुलिस को सड़क पर तेज रफ्तार में दौड़ने वाले वाहनों पर रोक लगाने और वाहनों को जब्त कर जुर्माना की वसूली करनी थी। पुलिस मुख्यालय ने इसी उद्देश्य से जिला पुलिस को दो स्पीड गन उपलब्ध कराई थी ताकि वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगेगी और सड़क हादसे कम होंगे। यहां तो पुलिस ने दोनों स्पीड गन को शोभा की वस्तु बनाकर रख दी। हालांकि एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि दोनों स्पीड गन के बारे में जिन्हें दिया गया है उनसे जानकारी ली जाएगी। दिए जाने के बावजूद स्पीड गन का उपयोग क्यों नहीं किया गया इसके बारे में पूछा जाएगा।

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